नई दिल्ली:आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में फंसे दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) सहित छह लोगों के खिलाफ सीबीआई ने सोमवार को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है। सीबीआई (CBI) ने आरोपियों पर 54 कंपनी बनाकर काला धन (Black Money) जुटाने सहित अन्य आरोप लगाए हैं। अदालत में पेश किए आरोप पत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि सत्येंद्र जैन ने अपनी पत्नी व कारोबार के साझेदारों के साथ मिलकर कथिततौर पर फर्जी कंपनियां बनाईं। साथ ही कोलकत्ता के तीन हवाला ऑपरेटर के माध्यम से कथित कंपनी बनाई। कुल 54 कंपनियां सामने आई हैं। इन कंपनियों के माध्यम से करीब 16 करोड़ 39 लाख रुपये का काला धन जुटाया गया है।
काले धन से खरीदी गई जमीन
सीबीआई द्वारा दाखिल आरोपपत्र में सत्येंद्र जैन व अन्य के खिलाफ साक्ष्य पेश करते हुए पिछले पांच साल के दौरान हवाला ऑपरेटर के माध्यम से अनगिनत नगदी व दो सौ बीघा जमीन दिल्ली में खरीदने की बात कही गई है। सीबीआई का आरोप है कि हवाला ऑपरेटर को लेकर शुरू की गई जांच के दौरान पिछले पांच साल में हवाला ऑपरेटर के द्वारा जारी चेक के माध्यम से अनगिनत नगदी व दिल्ली के कई गांवों में करीब दो सौ बीघा बेनामी जमीन खरीदने से संबंधित साक्ष्य जुटाए गए हैं। यह सारी संपत्ति जैन व उनसे जुड़े लोगों व कंपनियों के अंतर्गत पाई गई है। यह जमीन बाहरी दिल्ली के करला, औचंदी, निजामपुर, बुद्धान, उत्तर व उत्तर-पश्चिम दिल्ली में मौजूद हैं। दावा है कि यह जमीन काले धन का इस्तेमाल कर खरीदी गई है।
आय खुलासा योजना के तहत पता चला
आरोप के मुताबिक आयकर विभाग के राडार पर आने के बाद सत्येन्द्र जैन ने कालेधन को आय खुलासा योजना (इनकम डिस्क्लोजर योजना) 2016 के तहत अज्ञात नाम से जमा करा दिया था। जांच के दौरान पाया गया कि जिन लोगों के नाम से राशि जमा कराई गई वे किसी भी तरह से उन सेल कंपनियों से नहीं जुड़े थे जिनके जरिए कालेधन को हवाला ऑपरेटर के जरिए वैध बनाया गया।
सूत्रों ने दावा किया कि हवाला ऑपरेटर ने जांच के दौरान स्वीकार किया था कि उन्होंने हवाला लेनदेन सत्येंद्र जैन के निर्देश पर कमीशन लेकर किया। अधिकारियों ने कहा कि जैन ने बेहिसाब आय की घोषणा आयकर डिस्क्लोजर योजना के तहत की है इसलिए उनके खिलाफ एक अलग जांच भी हो रही है।
आयकर विभाग की जांच में हुआ खुलासा
आयकर विभाग द्वारा इस मामले में बेनामी लेन-देन निषेद्य अधिनियम के तहत जांच शुरू की गई थी। विभाग का कहना था कि प्रारंभिक जांच में वर्ष 2015-2016 मे स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन द्वारा पद के दुरुपयोग का मामला सामने आया। वह चार करोड़ 63 लाख रुपये के धन धोशन के मामले में शामिल रहे। इसी आधार पर इस मामले को जांच के लिए सीबीआई के सुपुर्द किया गया। आयकर विभाग की जांच में धनशोधन में प्रयास इंफो सोल्यूशन प्राइवेट लि., अकिनचंद डेवलपर्स प्राइवेट लि., मंगलयतन प्रोजेक्ट प्राइवेट लि. सहित 54 कंपनियों का नाम सामने आया है।
मंत्री और अन्य पर ये आरोप लगे हैं
सत्येंद्र जैन व अन्य पर आरोप है कि वर्ष 2010 से 12 के बीच 11 करोड़ 78 लाख रुपये मैसर्स इंडोमेटल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के माध्यम से नगद राशि कोलकत्ता के एंट्री ऑपरेशन को दी गई थी। वर्ष 2013 में स्वास्थ्य मंत्री ने इस कंपनी से त्याग पत्र दे दिया था, क्योंकि उन्हें चुनाव लड़ना था। हालांकि जैन ने खुद त्यागपत्र देते समय अपनी पत्नी पूनम जैन को इस कंपनी में शामिल करा दिया था। इस तरह इस काले धन को जोड़ने में जैन ने अपनी पत्नी का इस्तेमाल किया। सीबीआई ने इसी आधार पर जैन के अलावा उनकी पत्नी को मामले में आरोपी बनाया था।
गृहमंत्रालय से 29 नवंबर को मिली केस चलाने की मंजूरी
गृह मंत्रालय ने स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में बीते 29 नवंबर को मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी। इसके चार दिन बाद सीबीआई ने अदालत में सत्येंद्र जैन व अन्य के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर दिया। सीबीआई ने इस मामले में बीते साल 24 अगस्त को आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में अदालत द्वारा आरोपपत्र पर विचार के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
मोदी सरकार ने दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों को पक्का करने की स्कीम बनाने के जुर्म में सत्येंद्र जैन पर ये केस किया है। इन कॉलोनियों में रहने वाली जनता इस बार मोदी जी को जवाब देगी।
– अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली