नई दिल्ली:दिल्ली हाईकोर्ट ने निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा अभिभावकों से बढ़ी हुई फीस वसूलने पर रोक लगा दी है। साथ ही, शिक्षा निदेशालय को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। दरअसल, शिक्षा निदेशालय ने इस साल जुलाई में स्कूल प्रबंधन को वसूली गई बढ़ी फीस वापस करने का आदेश दिया था। स्कूल प्रबंधन ने इसके विरोध में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।जस्टिस सी. हरि. शंकर ने मामले में शिक्षा निदेशालय को जवाब देने के लिए 4 हफ्ते का वक्त देने के साथ ही याचिकाकर्ता दि इंडियन स्कूल को भी राहत दी है। उन्होंने सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके तहत स्कूल प्रबंधन को अभिभावकों से वसूली गई बढ़ी हुई फीस वापस करने का आदेश दिया था।
हाईकोर्ट ने कहा है कि हम शिक्षा निदेशालय के आदेश के सिर्फ उन्हीं बिंदु पर रोक लगा रहे हैं, जिसके तहत स्कूल प्रबंधन को बढ़ी हुई फीस के रूप में वसूली गई रकम अभिभावकों को वापस करने का आदेश दिया गया था। हालांकि, हाईकोर्ट ने आदेश में कहा है कि स्कूल प्रबंधन इस याचिका का निपटारा होने तक अभिभावकों से बढ़ी हुई फीस नहीं लेंगे। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने अभिभावकों की शिकायत पर जांच के बाद आदेश में कहा था कि दि इंडियन स्कूल को फीस बढ़ाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उसके पास 22 करोड़ से अधिक रकम है।
शिक्षा निदेशालय ने स्कूल प्रबंधन को अभिभावकों से वसूली गई बढ़ी हुई फीस वापस करने का भी आदेश दिया था। स्कूल प्रबंधन ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। इसके बाद अभिभावक भी दि इंडियन स्कूल के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गए और स्कूल प्रबंधन पर फीस इस पर 18 जनवरी को सुनवाई होगी।
फीस से जमीन और महंगी कार खरीदने का आरोप
शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि स्कूल प्रबंधन ने वित्तीय वर्ष 2013-14 और 2016 -17 में नोएडा और सोहना रोड पर भूखंड खरीदा है। स्कूल ने कर्मचारियों के वेतन व अन्य खर्च के लिए तीन माह का रिजर्व फंड नहीं रखा। स्कूल प्रबंधन ने 2013-14 और 2016-17 में लग्जरी कार भी खरीदी।