- आचार्य डॉ शिवमुनिजी से अध्यात्म वार्ता की डॉ मुनि पुलकित कुमारजी ने
चलथान। युगप्रधान शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी के सुशिष्य डॉ मुनिश्री पुलकित कुमारजी ठाणा 2 का पलसाना के पास अवध शांग्रीला में विराजित श्री वर्धमान स्थानकवासी श्रमणसंघ के आचार्य डॉ शिवमुनिजी आदि ठाणा 8 से सौहार्दपूर्ण आध्यात्मिक मिलन हुआ। जैसे ही मुनिश्री पुलकित कुमारजी मुनि आदित्य कुमारजी परिसर में पहुंचे शिवाचार्यजी के शिष्य मंत्री श्री शिरीष मुनिजी, शमित मुनिजी तथा निशांत मुनिजी अगवानी करने पधारे एवं मुनिश्री का स्वागत अभिवादन किया।
इस अवसर पर डॉ मुनिश्री पुलकित कुमारजी ने फरमाया स्थानकवासी संप्रदाय में श्रमणसंघ का तेरापंथ के साथ अच्छा सौहार्दपूर्ण व्यवहार रहता है। आचार्य शिव मुनिजी की सरलता और सहजता की विशेष छाप पूरे जैन समाज में है। आप भगवान महावीर की ध्यान पद्धति आत्मध्यान की तरफ निरंतर गतिशील हैं आपके द्वारा की जाने वाली साधना के प्रति मै आध्यात्मिक मंगल कामना करता हूं। मुनिश्री ने सूरत में अक्षय तृतीया पर आचार्यश्री महाश्रमणजी के सानिध्य में होने वाले ऐतिहासिक 1008 से ज्यादा वर्षीतप पारने की जानकारी दी।
मुनिश्री द्वारा जन प्रभावकारी अहिंसा यात्रा के प्रमुख दस्तावेज की पुस्तक शिवाचार्यजी को भेंट की गई तो शिव मुनिजी द्वारा रचित साहित्य भी मुनिवर को भेंट किया गया। शिवाचार्यजी की तरफ से शमित मुनि ने मुनिश्री पुलकित कुमारजी के पदार्पण पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आध्यात्मिक मंगल कामना व्यक्त की। शिवाचार्यजी ने आचार्यश्री महाश्रमणजी से मिलने की भावना व्यक्त की। इस अवसर पर पत्रकारिता के माध्यम से जिनशासन सेवा में संलग्न सूरत से समागत गणपत भंसाली ने कहा आज जिनशासन के दो अध्यात्म डॉक्टरों का मिलन हो रहा है एक तरफ डॉ शिव मुनिजी तो दूसरी तरफ डॉ मुनिश्री पुलकित कुमारजी है।मुनि आदित्य कुमारजी ने गीत तथा मनीषा संचेती एवं चलथान के जैन संस्कारक ज्ञानचंद दुगड ने विचार व्यक्त किए।
तेयुप चलथान के अध्यक्ष राकेश दक विपिन पितलिया दीपक खाव्या कमलेश खाव्या विनीत श्यामसुखा पलसाना सभा अध्यक्ष कैलाश चपलोत सुरेश संचेती तुलसी जैन आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे। लगभग 45 मिनट चली यह सौहार्दपूर्ण अध्यात्मिक चर्चा वार्ता जिन शासन प्रभावकारी रही।