- मुनि श्री उदित कुमार जी मोहजीत कुमार जी एवं पुलकित कुमार जी का विवेकानंद गार्डन के पास हुआ आध्यात्मिक संत मिलन
- विशाल रैली के साथ तेरापंथ भवन में पदार्पण
सूरत। युग प्रधान महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री उदित कुमार जी तेरापंथ भवन, सिटीलाइट में यशस्वी चातुर्मास संपन्न कर उपनगरों का प्रवास करते हुए वर्तमान में पुनः तेरापंथ भवन, सिटीलाइट में पधारे हैं। बालोतरा (राजस्थान) का सफलतम चातुर्मास संपन्न कर मुनि श्री मोहजीत कुमार जी सूरत पधारे हैं एवं कच्छ-भुज का उपलब्धि पूर्ण चतुर्मास पूर्ण कर मुनि श्री पुलकित कुमार जी भी सूरत पधारे हैं। आज भटार स्थित विवेकानंद गार्डन में तीनों संतों का आध्यात्मिक मिलन हुआ।
संत मिलन के अवसर पर परस्परता, प्रेम, स्नेह, विनय, वात्सल्य, प्रमोद एवं मैत्री भावना के दुर्लभ दृश्य निहार कर श्रावक समाज भावविभोर हुआ। तीनों संतों के साथ उनके सहवर्ती संत एवं विशाल श्रावक समुदाय उपस्थित था। मिलन के बाद विशाल रैली के साथ सभी नौ संतों ने तेरापंथ भवन, सिटीलाइट में मंगल प्रवेश किया, जहां पर ऐतिहासिक संत मिलन समारोह का आयोजन श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, सूरत के तत्वावधान में हुआ।
इस अवसर पर खचाखच जन मेदिनी को संबोधित करते हुए मुनि श्री उदित कुमार जी ने कहा — मुनि श्री मोहजीत कुमार जी तेरापंथ धर्म संघ के वरिष्ठ एवं सम्माननीय संत हैं। उनके साथ अतीत में अनेक बार रहने एवं मिलने के अवसर प्राप्त हुए हैं। उनके भीतर अनेक गुण और अनेक विशेषताएं विद्यमान हैं। लेकिन उनमें से केवल 7 सकार युक्त विशेषताओं का मैं उल्लेख करना चाहूंगा : (1) संचलन (2)संरचना (3) संवेदनशीलता (4) संकल्पना (5) संगायन (6) संभाषण और (7) संयोजन। मुनि श्री प्रभावशाली वक्ता हैं। उनकी संयोजन अर्थात मंच संचालन की कला अद्भुत है। उनकी गीत रचना काव्य-मुक्तक रचना भी अति विशिष्ट है। केवल 2 महीने में 725 किलोमीटर की पदयात्रा कर वे सूरत पधारे हैं। मैं उनका स्वागत करते हुए अप्रतिम आनंद की अनुभूति कर रहा हूं।
मुनि श्री मोहजीत कुमार जी ने कहा – मुनि श्री उदित कुमार जी आचार्य श्री महाश्रमण जी के सहदीक्षित संत हैं। मर्मज्ञ हैं। कुशल प्रवचन कार हैं। प्रवाह को किस प्रकार से परिवर्तित करना उसकी बेजोड़ कला आपके पास है। “शासन स्तंभ” मंत्री मुनि श्री सुमेरमल जी स्वामी की ज्ञान की विरासत आपको सहज संप्राप्त है। मेरी दीक्षा के बाद तुरंत आपसे मिलना हुआ था। तभीसे हम दोनों बचपन के साथी हैं। मित्र हैं। गुरुदेव ने सन 2024 का चातुर्मास सूरत में घोषित किया है उसके पीछे मैनेजमेंट गुरु मुनि श्री उदित कुमार जी का भव्य पुरुषार्थ योगभूत है। मैं आपसे मिलकर अप्रतिम आह्लाद की अनुभूति कर रहा हूं। मुनि श्री ने सुंदर गीत के द्वारा भी अपने भावों को अभिव्यक्ति दी।
मुनि श्री पुलकित कुमार जी ने कहा – सूरत में मंत्री मुनि श्री सुमेरमल जी स्वामी एवं मुनि श्री उदित कुमार जी के साथ चतुर्मास करने का सौभाग्य मुझे मिला था। मुनि श्री उदित कुमार जी की गोद में मेरा बचपन बीता है। आप मेरे व्यक्तित्व के निर्माता संत हैं। आपके दर्शन कर मुझे अत्यंत प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है। सूरत अध्यात्म नगरी है। “स्वच्छ सूरत – सुंदर सूरत” का सूत्र यहां पढ़ने को मिला। वास्तव में यहां के लोगों के दिल भी इतने ही स्वच्छ और सुंदर है।
मुनि श्री अनंत कुमार जी, भव्य कुमार जी, आदित्य कुमार जी, जयेश कुमार जी, रम्य मुनि एवं ज्योतिर्मय मुनि ने भी अपने सुंदर भावों को प्रस्तुत किया।
तेरापंथी सभा, सूरत के अध्यक्ष श्री नरपत जी कोचर ने स्वागत वक्तव्य देते हुए संत मिलान के आजके अवसर को अद्वितीय व ऐतिहासिक बताया। आचार्य महाश्रमण प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष श्री संजयजी सुराणा ने इसे प्रयागराज की उपमा दी। उधना सभा के उपाध्यक्ष श्री मुकेश जी बाबेल ने मुनि श्री को मर्यादा महोत्सव उधना में करने की प्रार्थना की। अणुव्रत विश्व भारती गुजरात प्रभारी श्री अर्जुन जी मेड़तवाल, तेरापंथ महिला मंडल व कन्या मंडल-सूरत ने प्रासंगिक प्रस्तुति की। कार्यक्रम का कुशल संचालन तेरापंथी सभा के मंत्री श्री अनुराग जी कोठारी ने किया।
संकलन — अर्जुन मेड़तवाल