- 13 किलोमीटर का विहार कर शांतिदूत पहुंचे रावल की ढाणी
- ग्रामीणों को दी संयम की प्रेरणा, ग्रामीणों ने स्वीकार की तीन प्रतिज्ञाएं
14.01.2023, शनिवार, रावल की ढाणी, बाड़मेर (राजस्थान)। बाड़मेर जिले के विभिन्न नगरों, कस्बों और शहरों को पावन बना जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान अनुशास्ता, मानवता के मसीहा आचार्यश्री महाश्रमणजी के चरण कमलों से अब गांव और ढाणियां पावनता को प्राप्त हो रही हैं। शनिवार को प्रातःकाल आचार्यश्री महाश्रमणजी अपनी धवल सेना के साथ पाटोली से गतिमान हुए। गत दो दिनों से बढ़ी हुई ठंड आज भी बनी हुई थी। शीतलहर लोगों को अपने घरों में दुबकने को मजबूर कर रही थी, किन्तु जन-जन का कल्याण करने के लिए मानवता के मसीहा आचार्यश्री महाश्रमणजी विहार पथ पर गतिमान थे। मार्ग के दोनों ओर दूर तक खाली पड़े खेत और रेतों के टीले ही नजर आ रहे थे। मार्ग में आने वाले गावों और ढाणियों के ग्रामीणों को आचार्यश्री के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा था। विहार के कुछ समय पश्चात सूर्य की किरणों ने वातावरण को गर्म करने का प्रयास तो किया, किन्तु सर्द हवाओं के प्रभाव को कुछ अंशों में ही कम कर पाई।
लगभग 13 किलोमीटर का विहार कर आचार्यश्री रावल की ढाणी में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय के प्रांगण में पधारे तो वहां उपस्थित ग्रामीणों आदि ने आचार्यश्री का श्रद्धायुक्त स्वागत किया। विद्यालय परिसर में आयोजित मंगल प्रवचन में उपस्थित ग्राम्य जनता को आचार्यश्री ने पावन प्रतिबोध प्रदान करते हुए कहा कि दुनिया में दुःख भी प्राप्त है तो सुख भी मिलता है। दुःख अनेक रूपों में प्राप्त होता है तो सुख भी अनेक रूपों में प्राप्त होता है। जन्म, मरण, बुढ़ापा, बीमारी अथवा कोई मानसिक परेशानी दुःख है। बीमारी रूपी दुःख को तात्कालिक रूप में दवा आदि तो दूर कर देती है, किन्तु सर्वकालिक दुःखों से मुक्ति के लिए आदमी को स्वयं का निग्रह, स्वयं का संयम करने का प्रयास करना चाहिए।
शरीर, वाणी, मन और इन्द्रियों का संयम हो तो आदमी का जीवन सुखमय बन सकता है। जितना-जितना संयम का विकास होगा, दुःखों से मुक्ति मिल सकेगी। व्यसनों का छोड़ संयम की ओर गति हो तो सर्वकालिक रूप में दुःख से मुक्ति मिल सकती है। आचार्यश्री के आह्वान पर समुपस्थित ग्रामीणों ने सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति के संकल्पों को स्वीकार कर पावन आशीर्वाद प्राप्त किया।
बीजेपी के मण्डल अध्यक्ष श्री नखतसिंह ने आचार्यश्री के स्वागत में अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करते हुए कहा कि आज आपश्री के आगमन से हमारा गांव धन्य हो गया। मैं समस्त ग्रामवासियों की ओर से आपका अभिनंदन करता हूं। आपकी की प्रेरणा को हम अपने जीवन में उतारने का प्रयास करेंगे। मुख्य ब्लाक शिक्षाधिकारी श्री लछाराम सियाल ने कहा कि मैं महान संत आचार्यश्री महाश्रमणजी का हार्दिक स्वागत करता हूं। यह हम सभी के लिए परम सौभाग्य की बात है कि हम लोगों को अपने गांव में आपके दर्शन का अवसर प्राप्त हुआ है। आपकी चरणरज से हमारी धरती धन्य हो गई।0