ब्यूनस आयर्स: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा है कि वुहान सम्मेलन के बाद भारत-चीन के द्विपक्षीय रिश्तों में प्रत्यक्ष सुधार आया है। दोनों पक्षों ने उम्मीद जताई कि अगला साल भारत-चीन रिश्तों के लिए और बेहतर साबित होगा।
जी-20 सम्मेलन से इतर मोदी और चिनफिंग ने आपसी विश्वास और दोस्ती बढ़ाने के संयुक्त प्रयासों पर चर्चा की। यह इस साल दोनों नेताओं की चौथी मुलाकात थी। वुहान बैठक के बाद दोनों नेता जून में एससीओ बैठक के दौरान चीनी शहर क्विंगदाओ और जुलाई में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान दक्षिण अफ्रीकी शहर जोहांसबर्ग में मिले थे।
बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बैठक बहुत बढि़या रही। हमारे नियमित संवाद ने भारत-चीन रिश्तों को उल्लेखनीय मजबूती दी है। यह बैठक भी हमारे रिश्तों को मजबूती देने की दिशा में अहम साबित होगी। मैं इस बैठक के लिए समय निकालने के लिए आपको (चिनफिंग) दिल से धन्यवाद देता हूं।’
वुहान में हुई अनौपचारिक मुलाकात को भारत-चीन संबंधों के लिए मील का पत्थर बताते हुए मोदी ने कहा कि वह अगले साल अनौपचारिक मुलाकात के लिए राष्ट्रपति चिनफिंग की मेजबानी करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ऐसी पहल संबंधों में गर्मजोशी बनाए रखने में मददगार होती हैं।’
बाद में विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि दोनों नेताओं ने उन मुद्दों की विस्तार से समीक्षा की जिन पर उन्होंने वुहान बैठक में सहमति जताई थी। दोनों ने कहा कि आर्थिक क्षेत्र में प्रगति हुई है। राष्ट्रपति चिनफिंग ने भारत से चावल और चीनी का आयात बढ़ने का जिक्र किया और सोयामील व सफेद सरसों के ज्यादा आयात की संभावना जताई।
उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि भारत चीन से ज्यादा से ज्यादा कृषि उत्पाद आयात करेगा। उन्होंने दवाओं के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने के संकेत दिए। दोनों नेताओं ने कहा कि वुहान बैठक के बाद सीमा प्रबंधन में भी सकारात्मक सुधार हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी-राष्ट्रपति चिनफिंग बोले, भारत-चीन रिश्तों में दिख रहा प्रत्यक्ष सुधार
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