प्योर वन वाटर टेक्नोलॉजिस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड प्योर नाम शुद्धता का ही पर्याय है, वाटर प्यूरीफायर या यूं कहें पानी को शुद्ध बनाने के क्षेत्र में ‘प्योर वन’ ने आधुनिकता के साथ साथ वर्तमान में पानी से जुड़ी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए डोमेस्टिक एवम कमर्शियल क्षेत्र में एडवांस फीचर्स एवम नई टेक्नोलॉजीस के साथ डोमेस्टिक हाउसहोल्ड फिल्टर्स लेकर आयी है ओर इंडस्ट्रियल क्षेत्र में RO plants, UF plants, STP, ETP, Pharmacitical में भी अनेकों प्लांट्स मैनुफैक्चरिंग कर रही है। भारत के बाहर भी कंपनी ने फार्मा क्षेत्र में अल्जीरिया में प्लांट्स लगाए है। मुम्बई की बात करें तो यहां उल्हासनगर में एक टाउनशिप के बदलापुर रीवर से पानी लेकर तकरीबन 1.5 लाख लीटर प्रति घंटे का फिल्ट्रेशन प्लांट लगाया है। इसके अलावा गवर्मेंट क्षेत्र में भी कंपनी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने में पीछे नहीं है।
कंपनी के CMD श्री महावीर कोठारी एवं नितिन पामेचा ने बताया कि जिस तरह से वाटर फिल्ट्रेशन के क्षेत्र में कंपनी को जो प्रतिसाद मिल रहा है या यूं कहें कि कंपनी ने कम समय मे मील के पत्थर जैसे कार्य किये हैं, वह बड़ी-बड़ी कंपनियों को वर्षों हासिल नहीं होता। इन दिनों देश के सामने दो बड़ी चुनौतियों में से एक है पानी बचाना और फिर उसे स्वच्छ रखना। इसी को मद्देनजर दोनों मामलों में कंपनी मील का पत्थर साबित हो रही है। ‘प्योर वन’ सिर्फ प्यूरीफायर मशीन ही नहीं बल्कि उसके हर तरह के इक्युपमेंट का भी मैन्युफैक्चरिंग करता है। पिछले दिनों इन्हीं मुद्दों को लेकर कंपनी के सीएमडी महावीर कोठारी एवं मैनेजिंग डायरेक्टर नितिन पामेचा से बातचीत की। जिसमें उन्होंने कंपनी और पानी को लेकर हमारे सवालों का जवाब दिया।
– वाटर प्यूरीफायर क्या है और वर्तमान में यह क्यों जरूरी है?
श्री कोठारी ने कहा कि यह पानी को शुद्ध एवं साफ करने की मशीन है। पानी में घुली अशुद्धियां बहुत होती हैं। जैसे टंकी साफ नहीं होती, कई बार अशुद्ध पानी की सप्लाई हो जाती है। ऐसी तमाम अशुद्धियों के बीच लोग साफ पानी पी सकें इसके लिए इसकी बहुत जरूरत है। यदि पानी का टीडीएस अच्छा नहीं है तो उसे ठीक करने के लिए आरओ प्लांट लगवाना जरूरी होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी 150 टीडीएस तक के पानी को शुद्ध माना है। इससे अधिक होने पर आरओ की जरूरत होती है।
प्योर वाटर इंडस्ट्रीज (इंडिया) प्रा. लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर नितिन पामेचा कहते हैं कि आरओ कई प्रकार के होते हैं। रिवर्स ओस्मोसिस तथा अल्ट्रा फिल्ट्रेशन, अल्ट्रा वॉइलेट आदि। हम क्वालिटी का विशेष ध्यान रखते हैं। मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है, ऐसे में बहुत सी कंपनियां क्वालिटी से समझौता कर लेती हैं जबकि हम इस मामले में बेहद सख्त हैं।
श्री कोठारी ने हमारे सवाल कि – किस तरह के वाटर प्लांट आपके पास उपलब्ध हैं?
वे कहते हैं कि डोमेस्टिक प्लांट के अलावा वाटर कूलर जो कि सार्वजनिक स्थानों पर लगाया जाता है। इसके अलावा बोटलिंग प्लांट भी हमारी कंपनी लगाती है। हम सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, फार्मा प्लांट भी लगाते हैं। डोमेस्टिक के अलावा हम यह प्लांट विदेशों में भी सप्लाई कर रहे हैं। जबकि देश के विभिन्न हिस्सों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाते हैं जो खराब पानी को उपयोग योग्य बनाता है, उसके बाद उसके उपयोग गार्डनिंग और फ्लशिंग में किया जाता है।
प्योर वाटर इंडस्ट्रीज (इंडिया) प्रा. लि. नाम से संचालित कंपनी का मुख्यालय नवी मुंबई में है तथा इसके सीएमडी (फाउंडर) महावीर कोठारी एवं मैनेजिंग डायरेक्टर नितिन पामेचा हैं।
‘प्योर वन’ नाम ही काफी है
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