नई दिल्ली:सरकारी क्षेत्र की कंपनी नेशनल बिल्डिंग कंसट्रक्शन कॉर्पोरेशन यानी एनबीसीसी, नोएडा में जेपी के प्रोजेक्ट को खरीदने का मन बना चुकी है। कंपनी ने हिन्दुस्तान को बताया है कि इसे खरीदने के बाद खाली पड़ी जमीन पर एक लाख सस्ते घर बनाए जा सकते हैं। आम्रपाली के बाद एनबीसीसी जेपी के फंसे प्रोजेक्ट भी बनाने को तैयार हो गया है। आम्रपाली को एनबीसीसी एजेंसी के तौर पर पूरा कर रही है लेकिन जेपी इन्फ्रास्ट्रक्चर को वह खरीदेगी। कंपनी ने इसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट भी दाखिल कर दिया है।
कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अनूप मित्तल ने इस प्रोजेक्ट के डेवलप करने का ब्लू प्रिंट साझा किया है। मित्तल ने बताया कि एनबीसीसी जेपी विश टाउन और एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट खरीदेगा। कंपनी का मामला एनसीएलटी चल रहा है ऐसे में उसे खरीदने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट दे दिया गया है। 5 जनवरी को इसके लिए बोलियां भेज दी जाएंगी। बोली जीतने के बाद अगले साल अप्रैल से इसपर काम शुरू हो जाएगा।
मित्तल ने बताया कि एनबीसीसी के आंकलन के मुताबिक जेपी के पास तीन हजार एकड़ जमीन है। इस इलाके में एयरपोर्ट बनना है साथ ही कई नए उद्योग भी लगने की संभावना है। उस हिसाब से आने वाले दिनों में जेपी की खाली पड़ी जमीन पर 1 लाख अफोर्डेबल घर बनाने का कंपनी का इरादा है। कंपनी का कहना है कि एक्सप्रेस वे पर बड़ा डेवलपमेंट होना है ऐसे में वहां घरों की जरूरत बहुत होगी इसी जरूरत को देखते हुए एनबीसीसी 1 लाख के करीब सस्ते घर बनाएगा।
कंपनी ये भी विचार कर रही है कि पूरे प्रोजेक्ट में बची जगहों पर और फ्लैट बनाए जाएं। साथ ही बची जगह का व्यवसायिक इस्तेमाल कर रकम जुटाई जा सके। यही नहीं एनबीसीसी ग्रेटर नोएडा से आगरा तक जेपी के एक्सप्रेस-वे भी खरीद लेगी और टोल भी वसूलेगी।
अधूरे प्रोजेक्ट बनाएगा एनबीसीसी
कंपनी ने सालों से अटके दिल्ली एनसीआर के हाउसिंग प्रोजेक्ट को डेवलप करने के लिए भी नई योजना बनाई है। हाल ही में एनबीसीसी ने इस पूरे इलाके का सर्वे किया है। कई प्रोजेक्ट चिह्नित किए हैं। इन मुफीद प्रोजेक्ट्स की एनबीसीसी बोली लगाएगा। इन्हे दो तरह के मॉडल के जरिए विकसित किया जाएगा। पहला मॉडल ये होगा कि कंपनी खुद ही पूरे प्रोजेक्ट के घर बनाएगा। साथ ही प्रोजेक्ट की जमीन को बेचकर या उसकी व्यवसायिक क्षमता को देखते हुए उससे रकम जुटाएगा।
वहीं दूसरे मॉडल के तहत कंपनी उन प्रोजेक्ट्स को खरीदकर उनकी बोली मंगाएगी और ज्वाइंट वेंचर मॉडल के जरिए घर बनाए जाएंगे। एनबीसीसी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अनूप मित्तल ने बताया कि उन्होंने कई प्रोजेक्ट्स देखे हैं और उनमें कंपनी की दिलचस्पी भी है आने वाले दिनों में इन्हें भी खरीदा जाएगा।
जल्द मिलेगी चाबी
एनबीसीसी ने बताया कि जेपी के प्रोजेक्ट खरीदने के बाद पहली प्राथमिकता ज्यादातर बन चुके घरों की फिनिशिंग
कर जल्द से जल्द खरीदारों को चाबी सौंपनी होगी। दूसरे चरण में निर्माण तेजकर बाकी लोगों को भी घर दिए जाएंगे।
एनसीआर में एक लाख सस्ते घर बनेंगे
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