नई दिल्ली:‘शीतकालीन सत्र के ठीक पहले संसद तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए देशभर से आए हजारों किसानों ने शुक्रवार को अपनी मांगों को लेकर कवायद तेज कर दी है। इसके तहत ‘किसान मुक्ति मार्च’ के बैनर तले किसान रामलीला मैदान से संसद भवन की ओर जा रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी किसानों के मार्च में शामिल हुए और उन्होंने किसानों को संबोधित भी किया।
मार्च में शिरकत कर रहे किसानों से राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी का चेहरा है, लेकिन उनके मुंह से अनिल अंबानी जैसे अमीरों की आवाज़ निकलती है। वहीं उन्होंने कहा कि हम किसानो के साथ खड़े है और किसानों और युवाओं के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि अमीरों का क़र्ज़ माफ़ हो सकता है, तो किसानो का कर्ज़ा क्यों माफ़ नहीं हो सकता है?
मार्च में पहुंचे अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने वादों को पूरा नहीं किया। बॉर्डर पर जवान और देश में किसान दुखी हैं।
किसानों के मार्च के दौरान स्वराज इंडिया पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि जो पार्टी किसानों का समर्थन नहीँ करेगी वो किसानों की सबसे बड़ी दुश्मन है। किसानों की मुठ्ठी उठाकर काम नहीं चलेगा तो किसान अपनी अंगुली से 2019 में लोकसभा चुनाव में जवाब देंगे। योगेंद्र यादव ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार अब तक की सबसे बड़ी किसान विरोधी सरकार है।
वहीं, सीताराम येचुरी ने पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह को कौरव बताया। मार्च में शामिल आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के मुद्दे पर पहले से ही चिंता करनी चाहिए थी।
सांसद राजू शेट्टी ने कहा- ‘मोदी जी, अगर आप किसानों के ख़िलाफ़ जाएंगे तो दिल्ली में राज करने का सपना ही देखेंगे अगली बार। दिल्ली में सरकार उसी की बनेगी जिसको किसान चाहेंगे।’
वहीं, किसानों के मार्च के चलते रामलीला मैदान के बराबर की एक सड़क पर यातायात पूरी तरह बंद कर दिया गया। ट्रैफिक पुलिस दिल्लीवासियों को जाम से बचने के लिए अपने फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडिल पर ट्रैफिक की जानकारी को लगातार अपडेट कर रही है।
यात्रियों को असुविधा से बचाने के लिए यह जानकारी दी जा रही है। किसान मुक्ति मार्च के लिए पहुंचे किसानों के रास्ते में करीब 1000 ट्रैफिक पुलिसकर्मी के जवानों को लगाया गया है। इन जवानों को ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त रखने की हिदायत दी गई है।
हालांकि, दिल्ली पुलिस ने संसद मार्ग तक किसानों को पैदल मार्च की अनुमति नहीं दी है। वहीं, किसानों संगठनों का कहना है कि उनका संसद भवन मार्च शांति पूर्वक होगा।
बता दें कि बड़ी संख्या में बिहार, पंजाब व उत्तर -प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों के किसान दिल्ली के रामलीला मैदान में बृहस्पतिवार दोपहर से ही जमा थे।
208 संगठन जुड़े
यह दो दिवसीय विरोध कार्यक्रम अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की अगुवाई में हो रहा है, जिससे अलग–अलग क्षेत्रों और राज्यों में काम कर रहे 208 किसान एवं सामाजिक संगठन जु़ड़े हैं। रामलीला मैदान में पंजाबी गायक जसबीर सिंह जस्सी ने अपनी प्रस्तुति से किसानों में जोश भर दिया।
…तो 2019 में कीमत चुकानी होगी
किसानों की मांग है कि किसानों के लिए अलग से संसद सत्र बैठे। किसान व किसानी के समक्ष संकट पर विस्तार से चर्चा हो और इन संकटों का हल निकले। उन्होंने केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसान कर्ज मुक्ति के साथ फसलों का डेढ़ गुना दाम नहीं मिला, तो 2019 के लोकसभा चुनाव में सरकार को इसकी कीमत चुकानी होगी।
पहले दिन पैदल मार्च किया
किसान मुक्ति मार्च के पहले दिन बृहस्पतिवार को स्वराज इंडिया पार्टी के अध्यक्ष योगेंद्र यादव व जय किसान आंदोलन के संयोजक अभिक साहा के नेतृत्व में देशभर से आए किसानों ने बिजवासन से रामलीला मैदान तक पैदल मार्च किया।
किसान विरोधी सरकार : यादव
योगेंद्र यादव ने मौजूदा केंद्र सरकार को अब तक की सबसे अधिक किसान–विरोधी सरकार बताया। कहा कि किसान मुक्ति मार्च देश के किसानों की लूट, आत्महत्या, शोषषण और अन्याय से मुक्ति की यात्रा है। इस यात्रा में किसान अकेले नहीं हैं, बल्कि पूरा देश उनके साथ चल रहा है।
हक मांगने नहीं, लेने आए : वीएम सिंह
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह ने कहा कि हम यहां पर अपने हक को मांगने के लिए नहीं आए हैं, बल्कि अपना हक लेने आए हैं। किसान देश को खिलाता है ऐसे में देश को किसानों की इज्जत रखनी चाहिए।
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