वसई। साध्वी प्रज्ञाश्रीजी ठाना4 की प्रेरणा से श्री जसवंत जी शिशोदिया ने धर्मचक्र तप सम्पन्न किया। तप अभिनंदन में विशेष प्रेरणा देते हुए साध्वी प्रज्ञाश्रीजी ने फरमाया की गुरुदेव के आशीर्वाद से ही तपस्या हो रही है।हमे तप के साथ हमारे 4 कषाय को शांत करने का प्रयास करना चाहिए।धर्मचक्र तप करने के लिए दृढ़ मनोबल की जरूरत है और जस्वंतंजी ने मजबूत मनोबल से इसे पूर्ण किया। साध्वी सरलप्रभाजी जी ने अपने व्यक्तव्य में फ़रमाया की जस्वतंजी पूर्व में भी बड़ी तपस्याएं कर चुके है इसी चातुर्मास में ये इनकी दूसरी बड़ी तपस्या है। साध्वी विनयप्रभा जी साध्वी प्रतिकप्रभाजी ने गीतिका के माध्यम से तप अनुमोदना की।
तपस्वी के परिवार से स्वयं तपस्वी जसवंत जी शिसोदिया मोहनलाल जी गुंदेवहा किरण सोलंकी शंकर लालजी गुंदेचा आशाजी गुंदेचा ने अपने विचारों की प्रस्तुति दी।
समाज के गणमान्य व्यक्तियों द्वारा तपस्वी का अभिनंदन किया गया।
वसई में धर्मचक्र तप अभिनंदन
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