नयी दिल्ली। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुकाबले के लिए समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों का आह्वान किया है और इस दिशा में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यू) के नेता नीतीश कुमार की ओर से बिहार में की गयी पहल पर प्रसन्नता जाहिर की है। राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की राजधानी में दो दिवसीय बैठक में पारित राजनीतिक प्रस्ताव में भाजपा को “ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” का मुखौटा करार देते हुए कहा गया है कि इस मुखौटे की आड़ में संघ अपनी विचारधारा को लागू करने की कोशिश कर रही है। यह विचारधारा संकीर्ण और कट्टरपंथी है, इसमें समता, स्वतंत्रता और भाईचारे तथा धर्मनिरपेक्षता के लिए कोई जगह नहीं है। ”
श्री लालू प्रसाद की अध्यक्षता में परिषद द्वारा सोमवार को अनुमोदित प्रस्ताव में विपक्षी एकता के बारे में कहा गया है, “आज समय की मांग है कि लोकतंत्र, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और संविधान में विश्वास करने वाले समान विचारधारा वाले राजनीतक दलों को एकसाथ आकर भाजपा की संकीर्ण, कट्टरपंथी और जनविरोधी राजनीति का मुकाबला करना चाहिए।”
राजद की राष्ट्रीय परिषद में इस दिशा में पार्टी के अध्यक्ष लालू प्रसाद और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस दिशा में सार्थक पहल पर प्रसन्नता व्यक्त की है। राजद की परिषद ने विश्वास जताया है,“ राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों की एकजुटता 2024 के लोकसभा चुनाव में देश को फासीवादी एवं निरंकुश सत्ता से मुक्ति दिलायेगी।”
गौरतलब है कि श्री नीतीश कुमार ने अगस्त में भाजपा का साथ छोड़कर बिहार में राजद और कांग्रेस का साथ पकड़कर सरकार बदल दी जिससे वहां भाजपा सत्ता से बाहर हो गयी है।
राष्ट्रीय परिषद की बैठक में आर्थिक, सामाजिक और विदेश नीति पर भी प्रस्ताव पारित किये गये। सामाजिक प्रस्ताव में पार्टी ने जाति जनगणना की आवश्यकता को दोहराया है। पार्टी ने कहा है, “ जाति जनगणना से पता चला सकेगा कि वे कौन लोग हैं जो आजादी के 75 वर्षों के बाद भी संस्थाओं तक अपनी पहुंच बना नहीं पाये हैं।”
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा, “ राजद की राष्ट्रीय परिषद ने कहा है कि नोटबंदी, रियल इस्टेट विनियमन एवं विकास अधिनियम(रेरा), जीएसटी, ईंधन की नियंत्रण मुक्त की कीमत, वस्तु कानून में बदलाव और कोविड के कारण इस समय जनमानस त्राहि-त्राहि कर रहा है और केन्द्र में सत्तारूढ़ में भाजपा महंगाई तथा बेरोजगारी के मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए साम्प्रदाायिक मुद्दे उछाल रही है।”
राजद के आर्थिक प्रस्ताव में देश की दयनीय आर्थिक नीतियों की अदूरदर्शिता पर चिंता व्यक्त की गयी है। केन्द्र सरकार की नीतियों के कारण महंगाई और बेरोजगारी से जनता त्रस्त है, कृषि क्षेत्र में सबसे बड़ी कमी न्यूनतम समर्थन मूल्य के मूल्यांकन में गड़बड़ी है और जिसके कारण ‘लगभग 25 प्रतिशत से किसानाें की कृषि लागत सरकार खा रही है।’
पार्टी ने सरकारी सम्पत्तियों को बेचने,सरकारी बीमा कंपनियों में निजी भागीदारी बढ़ाने, बैंकों के निजीकरण, विमानन सेवा क्षेत्र के निजीकरण, रेलवे में निजी क्षेत्र की भूमिका के विस्तार, कृषि विपणन संबंधी नियम-कानून की कमजोरी और शिक्षा क्षेत्र में निजीकरण की आलोचना की है।
विदेश नीति संबंधी प्रस्ताव में राजद ने कहा है,“ विश्व स्तर पर किसी भी मुल्क में किसी भी उपेक्षित समुदाय के उत्पीड़न और उन पर अत्याचार के खिलाफ भारत की महती भूमिका का राजद हमेशा समर्थक रहा है और इस दिशा में भारत की प्रभावी पहल का पक्षधर है। ”
पार्टी ने सीमापार आतंकवाद के खात्मे को तरजीह देेते हुए पाकिस्तान के साथ दोस्ताना संबंध का समर्थन किया है और साथ में यह भी कहा है हिन्दुस्तान की अस्मिता और सम्मान की कीमत पर कोई समझौता नहीं करना चाहिए। पार्टी ने चीन के प्रति सरकार के रवैये की आलोचना करते हुए कहा है, “ चीन का भारत की तरफ रवैया साफ तौर पर एक अतिमहत्वाकांक्षी रूप ले चुका है। घेराबंदी, बेसबब ,उकसाना, घुसपैठ और भू-भाग पर कब्जा इस रूप के कई आयाम हैं।इसके बावजूद चीन के मामले में केन्द्र सरकार की चुप्पी हमारी अस्मिता और अखंडता के विरुद्ध है।
राजद ने सरकार से चीन के मसले पर बाेलने और जनता को स्थिति से अवगत कराने का आह्वान किया है। पार्टी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने और विदेश नीति के अंतर्गत शरणार्थी नीति पर फैसला लेने की भी जरूरत पर बल दिया है।
राष्ट्रीय परिषद ने श्री लालू प्रसाद की ओर से 12वीं बार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद संभाला। उन्हें रविवार को पुन: सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था।
लोकतंत्र, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और संविधान में विश्वास करने वाले समान विचारधारा वाले दलों को भाजपा के खिलाफ एकजुट होना चाहिएः राजद
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