मुम्बई। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के तत्वावधान में श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ महिला मंडल, मुम्बई द्वारा तेरापंथ भवन कांदीवली में आचार्य श्री महाश्रमण की प्रबुद्ध शिष्या साध्वी श्री निर्वाणश्री जी ठाना – 6 के सान्निध्य में ” जैन धर्मोस्तु मंगलम ” कार्यक्रम शुक्रवार, 7 अक्टूबर को आयोजित किया गया। धार्मिक ज्ञान से परिपूर्ण इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की महामंत्री श्रीमती मधुजी देरासरिया,जैन स्कोलर डायरेक्टर श्रीमती डॉ. मंजूजी नाहटा, जैन स्कोलर सह डायरेक्टर श्रीमती कनकजी बरमेचा, जैन स्कोलर श्रीमती डॉ. पुखराजजी सेठिया , निर्वतमान महामंत्री तरुणा जी बोहरा, महाराष्ट्र प्रभारी निर्मला जी चंडालिया, कार्यकारिणी सदस्य जयश्रीजी जोगड़ के साथ ही चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष मदनलाल तातेड़, महामंत्री सुरेंद्र कोठारी, मुख्य प्रबंधक मनोहर गोखरू, अभातेयुप के सहमंत्री भूपेश कोठारी, श्री तुलसी महाप्रज्ञ फॉउंडेशन के अध्यक्ष विनोद बोहरा, मंत्री मनीष कोठारी, तेरापंथी सभा कांदीवली के अध्यक्ष पारसमल दुगड़ आदि लोग विशेष रूप से उपस्थित हुए।
तेरापंथ महिला मंडल मुम्बई की अध्यक्षा श्रीमती रचना हिरण ने उपस्थित सभी का स्वागत किया। तत्पश्चात महिला मंडल की राष्ट्रीय महामंत्री मधु देरासरिया ने विषय से परिचय कराया और जैन धर्मास्तु मंगलम पर संक्षिप्त प्रकाश डाला। चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष मदन जी तातेड़ ने अपने विचार रखते हुए कि इन विचारों को हमें जीवन में उतारने की आवश्यकता है।
डॉ. मंजू नाहटा ने “चित्रों में अनेकान्तवाद” विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने अनेकान्तवाद को जैन धर्म की पृष्ठिभूमि बताते हुए चित्रों के जरिये उदाहरण सहित बेहतर ढंग से समझाया।
निर्मला नौलखा ने साध्वीश्री निर्वाणश्री जी, साध्वी श्री डॉ. योगक्षेम प्रभा जी का परिचय दिया। उन्होंने साध्वीवृन्द के जीवन पर प्रकाश डालते हुए जन्म, शिक्षा, दीक्षा एवं जीवन यात्रा के बारे में विस्तार से बताया। तत्पश्चात साध्वी श्री योगक्षेम प्रभा जी ने “पुनर्जन्म – कर्मवाद” को बेहद सरल भाषा में उदाहरण सहित समझाया। 25 मिनट के अपने संबोधन में साध्वी श्री ने पुनर्जन्म एवं कर्मवाद से सम्बंधित सभी पहलुओं को शामिल किया तथा जरूरी उदाहरण भी दिये। साध्वी श्री ने कहा कि जन्म और मृत्यु जितना सच है पुनर्जन्म भी उतना ही सच। उन्होंने कई विद्वानों और वैज्ञानिकों का जिक्र किया जिन्होंने इस बात को सिद्ध किया है।
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा नीलम सेठिया ने वीडियो के मध्यम से ज़मीन के नीचे उगने वाली सब्जियों को न खाने की वजहों पर प्रकाश डाला व उसके वैज्ञानिक दृष्टिकोण को समझाया। साध्वी वृन्द ने गीतिका प्रस्तुत की।
सम्यक दर्शन पर श्रीमती पुखराज सेठिया ने अपना उद्बोधन देते हुए सम्यक दर्शन के विभिन्न पहलुओं को वीडियो के जरिए विस्तार से समझाया। कनक जी ने कर्मवाद पर अपने विचार रखे। सभी वक्ताओं को महिला मंडल द्वारा का स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
साध्वीश्री निर्वाणश्री जी ने अपने प्रेरणा पाथेय में कहा कि हम ज्ञान के साथ ही आचरण की पवित्रता को भी जोड़ें क्योंकि सिर्फ ज्ञान के भार को ढोने का कोई मतलब नहीं है। साध्वी श्री ने महिलाओं के प्रगति की प्रशंसा की और कहा कि खुशी की बात है कि बहने स्कॉलर और विदुषी के रूप में सामने आ रही हैं। साध्वी श्री ने सभी वक्ताओं की प्रशंसा करते हुए उन्हें बधाई दी। साथ ही अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की महामंत्री, मुम्बई महिला मंडल की अध्यक्षा रचना हिरण एवं इनकी पूरी टीम को अपनी शुभकामनाएं दी।
आभार ज्ञापन अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की पूर्व महामंत्री तरुणा बोहरा ने व कुशल संचालन मंत्री अलकाजी मेहता ने किया। इस कार्यक्रम में सांताक्रूज महिलामण्डल संयोजिका ममताजी कोठारी , सह संयोजिका डिंपल जी परमार, मायाजी बाफना के साथ ही पूरी टीम ने प्रायोजक व सम्पूर्ण सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में उपाध्यक्ष विमलाजी कोठारी, सहमंत्री सरोजजी सिंघवी, संगीताजी चपलोत, कोषाध्यक्ष सुनिताजी सुतरीया, ई मीडिया प्रभारी सुचिताजी कोठारी व सभी पूर्वाध्यक्ष, मार्गदर्शक, परामर्शक, विशेष सहयोगी, कार्यकारिणी टीम का सहयोग व सम्मानीय उपस्थिति रही। लगभग 550 लोगों की उपस्थिति रही । यू ट्यूब के माध्यम से 2500 से भी अधिक लोगों ने इस वेबिनार से लाभान्वित हुए ।
तेरापंथ महिला मंडल मुंबई ने किया “जैन धर्मोस्तु मंगलम” कार्यक्रम का शानदार आयोजन
Leave a comment
Leave a comment