भायंदर। हर व्यक्ति के जीवन का एक मनोरथ होता है कि मैं आत्म पवित्रता के साथ अनशन पूर्वक समाधि मरण को प्राप्त करूं। ऐसा ही कुछ सरदारशहर निवासी भायंदर, मुबंई प्रवासी बुच्चा परिवार की मातुश्री श्रीमती सुशीला देवी भाई स्वर्गीय भीकमचंद जी बुच्चा (उम्र 70 वर्ष) जिन्होंने 23 दिन के संलेखना तप और 15 दिन के तिविहार संथारा के बाद 22 सितंबर, 2022 को शाम 7:38 पर पूर्ण चेतन अवस्था में चौविहार संथारा का पचखान आचार्य श्री महाश्रमण जी की परम विदुषी शिष्या ‘शासन श्री’ साध्वी श्री विद्यावती जी ‘द्वितीय’, साध्वी श्री प्रियंवदा जी, साध्वी श्री प्रेरणाश्रीजी, साध्वी श्री मृदुयशाजी एवं साध्वी श्री रिद्धियशा जी की प्रेरणा से उपाशिका श्रीमती कुसुम पुगलिया ने करवाया। आप पूरी जागरूकता एवं चेतन अवस्था में आत्म शुद्धि की ओर प्रशस्त हुई, उच्च भाव के साथ आगे बढ़ते चले गए, उनका मनोरथ पूर्ण हुआ 6 अक्टूबर 2022 को प्रातः 6:37 पर संथारा सानंद संपन्न हुआ।