भायंदर। युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी शिष्या शासन श्री साध्वी श्री विद्यावतीजी ‘द्वितीय’ के सान्निध्य में अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतर्गत अहिंसा दिवस का कार्यक्रम मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रशिक्षिका स्नेहा जैन एवं क्षेत्रीय सहसंयोजिका कुसुम खाब्या के मंगलाचरण से हुआ। महात्मा गांधी के रूप में प्रस्तुत पर्व आच्छा ने अहिंसा का संदेश दिया एवं अणुव्रत को जीवन में उतारने के लिए प्रेरित किया। बापू की जन्म जयंती पर प्रेम, करुणा एवं अहिंसा का संदेश नन्हे बालक के मुख से सुनकर सबने ॐ अर्हम् की ध्वनि से हर्ष व्यक्त किया।
साध्वी प्रियंवदाजी ने कहा-तेरापंथ धर्मसंघ के नवमाधिशास्ता आचार्य तुलसी ने अणुव्रत आंदोलन का सूत्रपात कर एक अमूल्य अवदान दिया। व्यक्ति का चारित्रिक निर्माण हो, व्यक्ति नशा मुक्त बने एवं करुणाशील बने यह उनका ध्येय था। व्यक्ति व्यक्ति से परिवार सुधरता है। परिवार से समाज एवं समाज से राष्ट्र सुधरता है। अतः अणुव्रत के नियमों को स्वीकार करके अणुव्रती बनने का संकल्प करें।
क्षेत्रीय अणुव्रत समिति की सह संयोजिका संगीता हिंगड़ व मीना बडाला ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए अणुव्रत की आवश्यकता पर बल दिया। नायगांव मीरां रोड एवं भायंदर अणुव्रत समिति के संयोजक विजयजी चोरडिया तेरापंथी सभा के अध्यक्ष भगवतीलालजी भंडारी, कोषाध्यक्ष दिलीपजी बापना, तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष राकेशजी बागरेचा, मंत्री धीरज बागरेचा, तेरापंथ महिला मंडल की सह संयोजिका श्रीमती उर्मिला हिंगड, तेरापंथी महासभा के कार्यसमिति सदस्य निर्मलजी जैन, उपासिका कुसुम पुगलिया, छत्तरजी खटेड आदि विशिष्ट पदाधिकारी एवं वक्ता भी विशेष रूप से उपस्थित थे। यह जानकारी जैन तेरापंथ न्यूज भायंदर प्रतिनिधि पारस कच्छारा ने दी।
अणुव्रत उद्बोधन सप्ताहः भायंदर में अहिंसा दिवस का हुआ कार्यक्रम
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