मुम्बई। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा मुंबई के तत्वावधान में मुंबई ज्ञानशाला की आंचलिक संयोजिका श्रीमती अनिता जी परमार, सह संयोजिका श्रीमती राजश्री जी कच्छारा, विभागीय संयोजिका श्रीमती अंजु जी चौधरी, विभागीय सह संयोजिका श्रीमती रिंकु जी परमार, डालगणी जोन संयोजिका हेमलता जी मादरेचा, सह संयोजिका चंदा जी धाकड़ रायचंद जोन संयोजिका निर्मला जी मेहता रायचंद एवं डालगणी जोन की सार – संभाल हेतु गए।
चारकोप , अशोक नगर, कांदिवली भवन, मलाड भवन, मलाड ईस्ट, मुलुंड, कांजुरमार्ग, विक्रोली एवं विक्रोली पार्क साइट की ज्ञानशालाओं का निरीक्षण किया। मुंबई आंचलिक संयोजिका श्रीमती अनिता जी परमार ने प्रशिक्षिकाओं को उच्चारण शुद्धि, और कंठस्थ ज्ञान से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। बच्चों को भी 25 बोल, प्रतिक्रमण, भक्तामर तेरापंथ प्रबोध सीखने के लिए प्रेरित करें किया ताकि गुरु चरणों में आध्यामिक भेंट समर्पित कर सकें।
सह संयोजिका श्रीमती राजश्री कच्छारा ने बच्चों से 25 बोल और ssb से रिलेटेड क्वेश्चन पूछे और बहुत ही अच्छे से मोटिवेट किया। विभागीय संयोजिका श्रीमती अंजु जी चौधरी ने टीचर से प्रैक्टिकल कराए, और उन्ही के माध्यम से बहुत ही सरल तरीके से समझाया कि ज्ञानशाला का संचालन किस प्रकार किया जाना चाहिए। विभागीय सह संयोजिका श्रीमती रिंकु जी परमार ने स्टोरी और गेम के माध्यम से बच्चों में नया जोश भर दिया।। सभी ज्ञानशालाओ में सभा, तेयूप, महिला मंडल एवं अभिभावकों की अच्छी उपस्थिति रही।
मुंबई ज्ञानशाला द्वारा रायचंद एवं डालगणी जोन की सार – संभाल
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