- दोस्त कोहिनूर हीरे की तरह अनमोल होते हैंः “साध्वी अणिमाश्री”
कोटा। तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य श्री महाश्रमण की प्रबुद्ध शिष्या साध्वी अणिमाश्री के सानिध्य में तेरापंथ भवन गुलाबबाड़ी में फ्रेंड्स समिट का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में साध्वी श्री अणिमाश्री ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा – जीवन रथ का रथ मजबूतब पाहियों पर टिका हुआ है। रिश्तों में जहां आत्मीयता मधुरता, अपनापन, सामंजस्य व सौहार्द के भाव होते है वहां जीवन का रथ तेज गति से दौड़ता है। रिश्ते ताले की भांति होने चाहिए। ताला टूट सकता है पर अपनी चाबी नही बदलता। मित्र दो शब्दों का अनमोल रत्न है जिसके आगे सारे रिश्ते फीके पड़ जाते हैं।
साध्वी श्री ने कहा आज कोटा में दो पचरंगी एक साथ हुई है गुरुदेव की ऊर्जा से तप की अनूठी बाहर आई है तप की झड़ी लगी है , ये भव्य नजारा देख कर मन बाग बाग हो रहा है।
साध्वी सुधाप्रभा ने मित्र केसा हो विषय पर चर्चा करते हुए कहा – जिसमे छः पी वाले गुण हो पॉजिटिव एटिट्यूड हो, प्रोग्रेसिव हो परपज फुल हो, पीसफुल हो, पेशेंश हो, प्रेजेंस ऑफ माइंड हो, इन गुणों से समवेशी को मित्र बनाएं।
साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने मंच संचालन करते हुए कहां- दोस्ती बाती और मोम की तरह होनी चाहिए जैसे जैसे बाती जलती है तो मोम पिघलता है वैसे ही मित्र वह होता है जो मित्र की पारी देख कर पिघल जाए।
साध्वी समत्वयशा जी ने तीर्थंकर स्तुति का सुमधुर गीत का संगान किया। साध्वी कर्णिकाश्री ,साध्वी सुधाप्रभा, साध्वी समत्व्यशा साध्वी मैत्री प्रभा ने पचरंगी तप करने वालों की अनुमोदना में शानदार गीत की प्रस्तुति दी।
सभा अध्यक्ष संजय बोथरा, वर्षा हीरावत ने तप की अनुमोदना की। युवती मंडल ने मंगल आंगन किया मंत्री धर्मचंद जैन ने भावाभिव्यक्ति देते हुए दोस्त मंडल के साथ दोस्ती गीत की सुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति दी। सभा को और से तपस्वियों का उपटना उपर्णा द्वारा बहुमान किया।