नई दिल्ली:बिम्सटेक देशों में आतंकवाद, मानव तस्करी और ड्रग्स स्मगलिंग की रोकथाम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सार्क देशों के मुख्य न्यायाधीशों से सीधी बात करेंगे। यह बातचीत 26 नवंबर को होने वाले संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर रविवार को सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में होगी। यह पहला मौका होगा जब कार्यपालिका के प्रमुख प्रधानमंत्री मोदी न्यायपालिका के प्रमुख मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के साथ सुप्रीम कोर्ट में बैठक करेंगे।
बिम्सटेक (बे ऑफ बेंगाल इनीशिएटिव ऑफ मल्टी सेक्टरल, टेक्नीकल एंड इकोनोमिक कोऑपरेशन) देशों के न्यायाधीशों का यह पहला सम्मेलन है जो भारत में किया जा रहा है। उपरजिस्ट्रार राकेश शर्मा ने बताया कि यह सम्मेलन सुप्रीम कोर्ट परिसर में होगा। इसमें बांग्लादेश और म्यांमार के मुख्य न्यायाधीश तथा नेपाल, थाईलैंड और भूटान के वरिष्ठ जज भाग लेंगे। सम्मेलन में इन देशों की भूमि से होने वाली मानव तस्करी, आतंकवाद और अवैध नशीली दवाओं की तस्करी की रोकथाम के कानूनों के अमल पर बातचीत होगी।
सूत्रों के अनुसार रविवार को इस क्लोजडोर कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिस्सा लेंगे। उन्होंने बताया कि यह पहला मौका होगा जब कार्यपालिका के प्रमुख प्रधानमंत्री न्यायपालिका के प्रमुख मुख्य न्यायाधीश के साथ सुप्रीम कोर्ट में बैठक करेंगे।
सीधी मुलाकात नहीं होती
राष्ट्रपति भवन में शपथ समारोह के अलावा प्रधानमंत्री मुख्य न्यायाधीश से कभी सीधे नहीं मिलते और सुप्रीम कोर्ट में तो यह कभी नहीं हुआ है। कोई बात करनी होती है तो दोनों में पत्र व्यवहार होता है, मुलाकात नहीं। वहीं मुख्य न्यायाधीश से केंद्र के प्रतिनिधि के तौर पर कानून मंत्री मिलते हैं, क्योंकि कानून मंत्रालय न्यायपालिका का प्रशासिनक मंत्रालय है।
फैसले अगले दिन सार्वजनिक होंगे
इस कार्यक्रम में लिए फैसलों के बारे में अगले दिन सोमवार को संविधान दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति की मौजूदगी में सार्वजनिक किया जाएगा। यह बैठक लड़ाकू विमान राफेल की डील तथा देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी सीबीआई के प्रमुख को छुट्टी पर भेजने के सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों की पृष्ठभूमि में होगी। इन केसों में एनडीए सरकार की साख दांव पर है।
सुप्रीम कोर्ट परिसर में जाने वाले पहले प्रधानमंत्री होंगे मोदी
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