मुंबई। कांदिवली ठाकुर कॉम्प्लेक्स में स्थिति तेरापंथ भवन में चातुर्मासार्थ विराजित उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमलकुमार जी एवं शासनश्री साध्वी श्री सोमलताजी वर्षावास पूर्ण होने पर शुक्रवार, 23 नवंबर को मंगल भावना कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। इस मौके पर सभी ने मुनिश्री एवं साध्वी श्री के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए अभिवंदना की। इस मौके पर उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमलकुमार एवं शासनश्री ने सभी श्रावक-श्राविकाओं को जप-तप-आराधना का संदेश देते हुए सभी के लिए मंगलकामना की।
यहां आयोजित कार्यक्रम में मुनिश्री एवं साध्वी श्री के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा कुमुद कच्छारा ने कहा कि यहां भाई-बहन के जोड़े का ऐतिहासिक चातुर्मास हुआ। मुनिश्री का समय प्रबंधन बेहद प्रशंसनीय है। तेरापंथ महिला मंडल मुंबई की अध्यक्षा जयश्री बडाला ने मुनिश्री एवं शासनश्री के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुनिश्री ने यहां मोदी सरकार की तरह काम करते हुए आंडबरों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर डाली जिससे हम श्रावक-श्राविकाओं के कथनी-करनी में अंतर खत्म हो गया।
अभातेयुप के पूर्व अध्यक्ष बीसी भलावत ने भी मुनिश्री एवं शासनश्री के प्रति हार्दिक कृतज्ञता ज्ञापित किया तथा इस वर्षावास को उन्होंने ऐतिहासिक एवं अध्यात्मिकता से परिपूर्ण चातुर्मास करार देते हुए कहा कि मुऩिश्री को लोग कहते हैं कि बड़े कड़क हैं लेकिन कड़क नहीं हैं बल्कि नारियल की तरह हैं। हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि हमें ऐसे तपस्वी का चातुर्मास मिला। अब हमारे कार्यकर्ता सिर्फ कार्य ही नहीं करते बल्कि सामयिक भी करते हैं। साध्वी श्री ने तो हमारे जीवन का निर्माण किया है।
श्री तुलसी महाप्रज्ञ फाउंडेशन के अध्यक्ष सुरेंद्र कोठारी ने मुनिश्री एवं शासनश्री के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा कि समय की सिथिलता पर चित्र उकेरने वाले विरले होते हैं उनमें से एक हैं उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनिश्री कमलकुमार जी। मुनिश्री अतुलनीय हैं, इनकी किसी से तुलना नहीं की जा सकती है। शासनश्री वात्सल्य की प्रतिमूर्ति हैं। 4 महीने तक भवन में अध्यात्म की गंगा बही और यह चातुर्मास आडंबरों से मुक्त रहा जिससे लोगों ने धर्म की गहराईयों को समझा। मुनिश्री जुनूनी एवं अद्भुत संत हैं। हमारे लिए उपलब्धि रही कि साध्वीश्री का स्वास्थ्य अनुकूल रहा। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें आप दोनों का वात्सल्य मिला। आपने जो अलख जगाई है, हम उसे बरकरार रखने का पूरा प्रयास करेंगे।
अपने उद्बोधन में शासनश्री साध्वी सोमलताजी ने कहा कि मेरे ऊपर गुरुदेव की अनंत-अनंत कृपा है। इसका उदाहरण भाई-बहन का चातुर्मास एक साथ करने का अवसर प्रदान किया। यह सौभाग्य मुझे गुरुदेव की कृपा से ही मिला है। लोगों में श्रावकपन की जागरूकता आई तथा भीतर तक श्रावकपन को स्थापित किए। गुरुदेव की असीम अनुकंपा से कांदिवली सहित पूरे मुंबई के लोगों को यह आध्यात्मिक लाभ प्राप्त हुआ। मुनिश्री के बारे में शासनश्री ने कहा कि कमलमुनिजी दुर्लभ विशेषताओं के संत हैं और इसी तरह उनके सहवर्ती मुनिवृंद ही हैं।
इस मौके पर उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनिश्री कमल कुमार ने उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि मैं जिस लक्ष्य से यहां आया था उसमें सफल हुआ। धर्मसंघ का सेवाभाव विलक्षण है। गुरुकृपा से ही यह संभव हुआ। गुरु की महती कृपा हुआ और गुरुवर की आज्ञानुसार पावस पूर्ण हुआ। शनिवार को सुबह मुनिश्री ने विहार किया जो कि गुजरात की तरफ अग्रसर होंगे जबकि दोपहर लगभग दो बजे शासनश्री विहार करके मालाड पहुंची हैं। मंगल भावना के इस भव्य कार्यक्रम में तेरापंथ युवक परिषद, कांदिवली, मालाड, महिला मंडल, मालाड, कन्या मंडल, किशोर मंडल के तमाम पदाधिकारियों के अलावा श्री तुलसी महाप्रज्ञ फाउंडेशन, तेरापंथी सभा सहित विभिन्न सभा-संस्थाओं के पदाधिकारी व कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
कांदिवली तेरापंथ भवन में मंगल भावना कार्यक्रम में मुनिश्री-साध्वीश्री की सबने की अभिवंदना
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