नई दिल्ली:वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजने का फैसला इसलिए लिया गया ताकि CBI में सफाई अभियान को अंजाम दिया जा सके और प्रफेशनल कामकाज में आई गड़बड़ियों को पटरी पर लाया जा सके।
अंग्रेजी चैनल टाइम्स नाउ को दिए एक इंटरव्यू में जेटली ने सीबीआई ऑफिसर की याचिका से जुड़े सवाल पर तो कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन बताया कि रिपोर्ट में एजेंसी के कामकाज में गड़बड़ी की बात सामने आई है। उन्होंने कहा, ‘जो कुछ भी हुआ वह CVC के पास था। अब जहां तक बात सरकार की है, हम इसे सुधार की दिशा में उठाया गया पेशेवर पहल मानता हूं।’
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने इसपर ऐक्शन लेने में देरी की, उन्होंने कहा, ‘इन सब चीजों को मैं CBI के बेहतरी के रूप में देखता हूं। मेरा मानना है कि सीबीआई पहले से ज्यादा प्रफेशनल और बेहतर बनने की ओर अग्रसर हो रही है।’
वित्त मंत्री से आरबीआई और सरकार के बीच खींचतान को लेकर भी सवाल किए गए। हालांकि, उन्होंने RBI की स्वायत्ता से किसी भी तरह के समझौते की बात से इनकार किया। हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार को जनता के व्यापक हितों का ध्यान रखना होता है और इससे संबंधित विचार-विमर्श का मतलब किसी संस्थान की शक्ति कम करना नहीं होता।’
उन्होंने कहा, ‘हम आरबीआई की स्वायत्तता का सम्मान करते हैं, लेकिन साथ-साथ हमें उन सेक्टरों पर भी ध्यान देना होगा जो पूंजी की कमी से जूझ रहे हैं। इन समस्याओं के लिए भी हमे आवाज उठानी होगी और आरबीआई के साथ मिलकर हम ऐसा करते भी हैं।’
CBI में सफाई के लिए दोनों शीर्ष अधिकारियों को छुट्टी पर भेजने का लिया फैसला: अरुण जेटली
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