मुंबई। महाराष्ट्र में सियासी हलचल थमने का नाम नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा मामला अब 11 जुलाई तक टल गया है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों की अयोग्यता के डिप्टी स्पीकर के फैसले पर 11 जुलाई तक रोक लगा दिया है। इस बीच दावा किया जा रहा है कि सीएम उद्धव ठाकरे दो बार पद से इस्तीफा देना चाहते थे लेकिन उन्हें एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने रोक दिया था। बता दें कि उद्धव ने सीएम बंग्ला “वर्षा” पहले ही खाली कर चुके हैं जिससे कयास लगाया जा रहा था कि वे शिवसेना बचाने के लिए सीएम पद से इस्तीफा देने में समय नहीं लगाएंगे।
न्यूज चैनल “आज तक” की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उद्धव दो बार इस्तीफा देना चाहते थे, लेकिन शरद पवार ने उन्हें रोक लिया। बताया जा रहा है हाल ही में जब उद्धव ने सोशल मीडिया पर आकर संबोधन दिया था, तभी वह इस्तीफा देना चाहते थे। इधर शिंदे गुट के विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि हम शिवसेना और बीजेपी की सरकार चाहते हैं। प्रदेश में बेहतर सरकार बनेगी तो बेहतर काम होगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार अल्पमत में है, उद्धव ठाकरे सरकार को हार मान लेनी चाहिए और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों की अयोग्यता के डिप्टी स्पीकर के फैसले को 11 जुलाई तक रोक दिया है। आदेश पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि हमारे लिए सुप्रीम कोर्ट भगवान है, लेकिन महाराष्ट्र में जनता की भावनाएं अलग हैं। 11 जुलाई के बाद बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की प्रक्रिया शुरू होगी। 40 विधायकों की बॉडी मुंबई आने वाले बयान पर घिरे राउत ने कहा कि मुझे गिरफ्तार करो, मैं यहां शिवसेना भवन में बैठा हूं। अगर मुझे शिवसैनिकों के लिए बलिदान होना है, तो हो जाऊंगा। इसमें कौन सी बड़ी बात है।
आदित्य ठाकरे ने भी गुवाहाटी में बैठे बागी विधायकों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि वे सामने आएं और आंख में आंख डालकर हमसे बात करें। यह राजनीति नहीं, सर्कस बन गया है। यह बागी नहीं भगोड़े हैं। जो भागकर जाते हैं, वे कभी जीतते नहीं हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखे और शिंदे गुट के सभी विधायकों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए. उनकी संपत्ति को कोई नुकसान न पहुंचे. सरकार सभी विधायकों और उनके परिवार को तुरंत उचित सुरक्षा मुहैया कराए।
सुप्रीम कोर्ट में शिंदे कैंप ने दावा किया कि उनके साथ 39 विधायक हैं। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार अल्पमत में है। बागी गुट ने यह कहा कि डिप्टी स्पीकर की छवि जब संदेह के घेरे में है तो फिर वह अयोग्य ठहराने का प्रस्ताव कैसे ला सकते हैं। शिंदे गुट ने कहा कि पहले उन याचिकाओं पर सुनवाई होनी चाहिए जिनमें डिप्टी स्पीकर को हटाने की मांग की गई है। बागी विधायकों ने कहा कि डिप्टी स्पीकर सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
क्या वाकई में उद्धव ठाकरे देना चाहते थे इस्तीफा, आखिर क्यों अब तक नहीं ले सके फैसला!
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