नई दिल्ली:प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सख्त कदम उठाते हुए 100 फिनटेक के पेमेंट गेटवे और बैंक खातों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। ईडी ने फेमा के तहत रोक लगाई है क्योंकि इन फिनेटक के जरिये विदेश से धन के लेन-देन का शक है। जिन फिनटेक के बैंक खातों पर रोक लगाई गई है उनमें पगारबुक,प्रोपेल्ड, प्रोगकैप, क्रेडिली, पॉकेलटी और क्रेजीबी प्रमुख नाम हैं।
ईडी ने जिन फिनटेक को समन भेजा है, उनमें से एक नहीं नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि ईडी ने 50 सवाल भेजे हैं और इससे ऐसा लगता है वह इन कंपनियों में चीन की हिस्सेदारी या चीन का संबंध जानना चाहता है। एक और कंपनी के प्रमुख ने कहा कि उसका कार्यक्षेत्र मानव संसाधन में है और कर्ज कारोबार से कोई लेना-देना नहीं है। उनका कहना है कि बैंक खाता पर रोक लगाने से कर्मचारियों को वेतन देने में परेशानी होगी।
क्रिप्टोकरंसी पर कराधान को लेकर ‘एफएक्यू’ जल्द
सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर कराधान को लेकर बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) इस महीने में जारी करेगी। एफएक्यू से वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों पर आयकर और जीएसटी लगाने के बारे में चीजें स्पष्ट हो सकेंगी। एफएक्यू का मसौदा आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए), रिजर्व बैंक और राजस्व विभाग द्वारा तैयार किया जा रहा है। क्रिप्टोकरेंसी और वर्चुअल डिजिटल संपत्ति पर कर को लेकर बार-बार पूछे जाने वाले सवालों पर काम चल रहा है। हालांकि, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न सूचना के उद्देश्य से होते हैं और इनकी कोई कानूनी वैधता नहीं होती।
रूस में क्रिप्टो ट्रेडिंग को रोक वाला बिल पेश
रूस में क्रिप्टो ट्रेडिंग पर रोक लग सकती है। संसद के निचले सदन, स्टेट ड्यूमा, के प्रमुख अनातोली अक्साकोव ने रूस के अंदर क्रिप्टोकरंसी और उसके चलन के संबंध में एक बिल पेश किया है। अगर यह बिल स्वीकार कर लिया जाता है तो क्रिप्टोकरंसी के रूप में देश के अंदर न तो कोई लेन-देन होगा और न ही इसे भुगतान के तरीके के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा।