माधावरम, चैन्नई। स्थानीय तेरापंथ नगर में आचार्य श्री महाश्रमण के पावस प्रवास में देश-विदेश से श्रद्धालुओं का निरन्तर आवागमन हो रहा है। इसी कड़ी में 12 नवम्बर 2018 को कोलकाता के कल्याण मित्र परिवार एवं शिष्ट परिवार – विशिष्ट परिवार के सदस्य कमल कुमार के कल्याण मित्र परिवार एवं शिष्ट परिवार – विशिष्ट परिवार के सदस्य कमल कुमार के कल्याण मित्र परिवार एवं शिष्ट परिवार – विशिष्ट परिवार के सदस्य कमल कुमार दुगड़ ने पांच दशकों की जीवन यात्रा की सार्थक सम्पन्नता पर वृहद सामाजिक एवं पारिवारिक परिजनों के साथ आचार्य श्री महाश्रमण के श्री चरणों में उपस्थित होकर अपनी श्रद्धा एवं निष्ठा अर्पित की एवं भावी जीवन हेतु मगंल आशीर्वाद की कामना की।
कमल कुमार दुगड़ ने अपनी श्रद्धासिक्त भावनाएं श्री चरणों में निवेदित करते हुए सर्वप्रथम तेरापंथ के आध्यप्रवर्तक महामना आचार्य भिक्षु का पावन स्मरण करते हुए राष्ट्रसंत युगप्रधान आचार्य श्री तुलसी एवं आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी से प्राप्त कृपापूर्ण वात्सल्य, अनुकम्पा एवं मार्गदर्शन हेतु कृतज्ञता व्यक्त की एवं वर्तमान अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण से निरन्तर प्राप्य ऊर्जा एवं प्रेरणा पाथेय हेतु आस्थाासिक्त नमन किया। इस अवसर पर उन्होंने अपने जीवनदाता पिताश्री बुधमल जी एवं मातुश्री स्वं. सोहनीदेवी दुगड़ का सादर स्मरण कर जीवन निर्माण में उनसे प्राप्त सद्सस्कारों हेतु अशेष कृतज्ञता के अहोभाव व्यक्त किये। पारिवारिक सदस्यों, विशेषकर दोनों बड़ी बहन श्रीमती राजू मणोत एवं श्रीमती सायर बोथरा एवं अग्रज भ्राता श्री सुरेन्द्र जी दूगड़, श्री तुलसी जी दुगड़ के साथ अपनी दोनों भाभाजी एवं अपनी अनन्य जीवन संगिनी श्रीमती मधु दुगड़ एवं स्वजनों तथा अन्य सहयोगियों से प्राप्त स्नेह एवं योगदान हेतु सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
अपने अन्र्तमन की श्रद्धा को अभिव्यक्त करते हुए उन्होंने पुरजोर शब्दों में कहा कि शासन और संघ की श्रीवृद्धी एवं गौरववृद्धी ने ही हम श्रावकों का हित एवं योगक्षेम भावित है। भावी जीवन में भी संघ की सर्वात्मन भाव से सेवा करने के संकल्प की पुनरावृत्ति करते हुए उन्होंने सभी उपस्थित स्वजनों को अन्तिम सांस तक संघ एवं समाज की सेवा करने हेतु उत्प्रेरित किया। अपने प्रति मंगल कामना व्यक्त करते हुए श्री दुगड़ ने कहा कि हमारे भावी जीवन में धार्मिक संस्कार और वृद्धिगत हो, तन,मन, धन का हम सम्यक नियोजन कर सके तथा संघ एवं समाज के प्रति दायित्वों एवं कर्तव्यों को समझते हुए इसके सतत विकास हेतु प्रयत्नशील रह सके, ऐसा आशीर्वाद काम्य है। इस शुभ अवसर पर देश के विभिन्न स्थानों से समागत परिजनों एवं स्वजनों ने कमल कुमार दुगड़ को जन्मोत्सव मनाने की इस अनुठी एवं सार्थक पहल का स्वागत करते हुए इसे अनुकरणीय बताया। इस अवसर पर संस्था शिरोमणी जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के प्रधान न्यासी श्री कन्हैयालाल जैन, अध्यक्ष श्री हंसराज बेताला, आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष श्री लुणकरण छाजेड़, आचार्य महाप्रज्ञ महाश्रमण एजुकेशन एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र दुगड़, जय तुलसी फाउण्डेशन के जीवन न्यासी श्री चंपक भाई के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र दुगड़, जय तुलसी फाउण्डेशन के जीवन न्यासी श्री चंपक भाई के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र दुगड़, जय तुलसी फाउण्डेशन के जीवन न्यासी श्री चंपक भाई मेहता, श्री जैन तेरापंथी सभा, कोलकाता के अध्यक्ष श्री बुधमल लुणियां, महाश्रमण चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति, हैदराबाद के अध्यक्ष श्री प्रकाश बरड़िया तथा श्री भंवरलाल बैद भंवरलाल बैद आदि ने अपने विचारों की अभिव्यक्ति देते हुए श्री कमल दुगड़ के विविधोमुखी संघीयसामाजिक एवं राष्ट्रीय सेवाओं का सादर स्मरण करते हुए उनके भावी सुदीर्घ एवं स्वस्थ जीवन हेतु मंगलकामनाएं व्यक्त की। इस अवसर पर श्री कमल कुमार दुगड़ की अर्धांगनी श्रीमती मधु दुगड़ अर्धांगनी श्रीमती मधु दुगड़ ने अपने श्रद्धासिक्त विचारों की अभिव्यक्ति दी। श्री तरुण सेठिया ने कविता द्वारा अपनी भावनाएं व्यक्त की। इस अवसर पर विभिन्न संघीय संस्थाओं द्वारा श्री कमल कुमार दुगड़ को स्मृति फलक प्रदान कर सम्मानित गया।
कार्यक्रम में समागत श्रद्धालुओं को प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए आचार्य श्री महाश्रमण ने फरमाया कि दुनियाँ में आदमी जन्म लेता है – यह सृष्टी का एक नियम है, विभिन्न योनियों में जन्म लेने वाले प्राणियों में मनुष्य एक विशिष्ट प्राणी है। कोई-कोई क्षमताएं मनुष्य में हो सकती है वे क्षमताएं देव जगत में भी नहीं हो सकती, मनुष्य जीवन को दूलर्भ भी बताया गया है। जन्म होना तो एक सामान्य बात है परन्तु विशिष्ट बात है कि आदमी को जो जीवन प्राप्त हुआ है उस जीवन में वह क्या करता है? जीवन को अंगारा बनकर भी जीया जा सकता है और जीवन धुंआ बनकर भी जीया जा सकता है। अंगारा बनकर जीना, ज्योर्तिमान बनकर जीवन जीना, तेजस्वी जीवन जीना मर्हज्ञ है। काम करने के लिए जीवन में दो बातें आवश्यक है, पहला कार्य करने में उत्साह होना चाहीये तथा दूसरी बात है कि उसमें साहस होना चाहिए। दोनों के योग वाला आदमी काफी आगे बढ़ने की संभावना रखता है। कार्य करने वाले व्यक्ति के सामने संघर्ष भी आ सकता है – वह संघर्ष भी हर्ष पैदा करने वाला हो – प्रसन्नता देने वाला बन जाये, तो संघर्ष के आने की सार्थकता होती है, संघर्ष आने पर आदमी उदास हो जाये, निराश हो जाये, पराजित हो जाये तो मानों संघर्ष की विजय हो गयी – हम संघर्ष को पराजित करें उससे विजयी बने। सफलता के लिए आदमी में सूझबूझ भी होनी चाहिए, इससे साहस व उत्साह भी सार्थक हो सकता है। जहाँ भाग्य होता है, निष्ठा होती है, साहस व उत्साह हो तो काम आसान हो सकता है। जन्मोत्सव की स्वर्णजयन्ती पर श्रद्धेय प्रवर ने फरमाया कि स्वर्ण में निखार होता है, चमक होती है, वह चोटें खाकर, थपेड़े खाकर तथा तपकर निखरता है। विगत 50 वर्षों में कमल जी दुगड़ ने जो श्रम किया, पुरुषार्थ किया उसको आधार बनाकर आगे के जीवन की योजनाएं बनायें। भारतीय दर्शन में व्यक्ति को शतायु होने का आशीर्वाद दिया जाता है संस्कृत में कहा गया है – शतार्यु भव:। ।
स्वर्ण जयंती तक की जीवन अवस्था में व्यतीत किये पचास वर्षों के अनुभवों को आधार बनाकर भावी जीवन की योजनाओं की नीति बनाई जाये जिसमें हिम्मत व मनोबल साथ में रहे। आचार्य श्री महाश्रमण जी ने श्री कमल कुमार दुगड़ की व्यापक संघीय सेवाओं का स्मरण करते हुए आचार्य श्री महाप्रज्ञ द्वारा प्रदत्त विरल सम्बोधन संघ सेवी के आशीर्वाद का भी उल्लेख किया एवं पिछले वर्ष सन 2017 में कोलकाता जैसे महानगर के भारी – भरकम चतुर्मास की सफल आयोजना का भी स्मरण कर उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया और साथ ही फरमाया कि कोलकाता महानगर में चतुर्मास की इतनी बड़ी व्यवस्थित व्यवस्था करना एक बहुत ही दायित्व भरा कार्य था, उसे बखूबी से निभाया गया।
अपने भावी जीवन में श्री दुगड़ अध्यात्मिकता एवं साधना को महत्व दें, जीवन में आदर्श रहे, निष्ठा रहे, हर स्थिति में मानसिक सन्तुलन बना रहे तथा खूब विकास करते रहे इन्हीं शुभ भावों युक्त आशीर्वचनों के साथ उन्हें विशिष्ट मंगलपाठ सुनाकर भावित किया। तत्पश्चात सभी श्रद्धालुओं को मंगलपाठ का श्रवण करा उन्हें अध्यात्मिक भावनाओं से अभिस्नात किया। इस विशेष अवसर पर चेन्नई चातुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष श्री धरमीचन्द लूंकड़ एवं अन्य पदाधिकारी, अमृतवाणी के अध्यक्ष श्री प्रकाश बैद, जय तुलसी फाउण्डेशन के प्रबन्ध न्यासी श्री तुलसी कुमार दुगड़, महासभा के न्यासी श्री ज्ञानचन्द आंचलिया, महासभा के पूर्व अध्यक्ष श्री राजकरन सिरोहिया, महासभा के पूर्व प्रधान न्यासी श्री राजेन्द्र के पूर्व अध्यक्ष श्री राजकरन सिरोहिया, महासभा के पूर्व प्रधान न्यासी श्री राजेन्द्र बच्छावत एवं श्री बिमल नाहटा, उत्तर हावड़ा सभा के अध्यक्ष श्री जतन पारख, साउथ कोलकाता सभा के अध्यक्ष श्री विजयसिंह चोरड़िया, महानगर मीडिया के श्री प्रकाश चिण्डालिया, जयपुर से श्री संपतमल बच्छावत, श्री प्रदीप डोसी, जोधपुर से श्री मर्यादा कोठारी, कोयम्बटूर से श्री विनोद लुणियां, अहमदाबाद से श्री प्रकाश सेखानी, विराटनगर कोठारी, कोयम्बटूर से श्री विनोद लुणियां, अहमदाबाद से श्री प्रकाश सेखानी, विराटनगर कोठारी, कोयम्बटूर से श्री विनोद लुणियां, अहमदाबाद से श्री प्रकाश सेखानी, विराटनगर से श्री प्रकाश दुगड़, मुम्बई से श्री सुेन्द्र नाहटा, श्री सलील लोढ़ा के साथ – साथ सर्वश्री राजेन्द्र दुगड़, महेन्द्र दुगड़, तुलसी राम खटेड़, छत्तरसिंह दुगड़, संपतमल बच्छावत, उमेद राजेन्द्र दुगड़, महेन्द्र दुगड़, तुलसी राम खटेड़, छत्तरसिंह दुगड़, संपतमल बच्छावत, उमेद रेड, राजू रेड़, अभय दुगड़, सुनील सुराणा, निर्मल भूरा, सुरेन्द्र मणोत, प्रकाश बैद, प्रकाशचन्द बैद, नरेन्द्र बरड़िया, विवेक काठोतिया, जीवराज सेठिया राजेश बैद, सुशील पारख, अरुण संचेती, अनिल बोथरा, देवेन्द्र बैद, विजय बावलिया, बसंत पारख, विनोद पारख, अरुण संचेती, अनिल बोथरा, देवेन्द्र बैद, विजय बावलिया, बसंत पारख, विनोद चोरड़िया, प्रमोद दुगड़, बसंत सेठिया, धनपत दुगड़, संतोष दुगड़, सुरेन्द्र दुगड़, प्रमोद चोरड़िया, प्रमोद दुगड़, बसंत सेठिया, धनपत दुगड़, संतोष दुगड़, सुरेन्द्र दुगड़, प्रमोद नाहटा, निर्मल चौपड़ा, संदीप डागा, सुरेन्द्र पारख, जयन्ती लाल भंसाली, मदन मरोठी, श्रेयांस बैद, हरणजीत सिंह, मनोज कुमार नाहटा, कर्नेस सेठिया, धनराज दुगड़, बिमल दुगड़, मोती सिंघी, जयकरन बच्छावत, सुरेन्द्र बोरड़, सुशील हीरावत, गुलाब डागा, प्रकाश मालू, शिखरचन्द लुणावत, राजेश बैंगानी, नोरतन बोथरा, भूपेन्द्र दुगड़, श्रीमती सूरज बरड़िया, एवं श्रीमती प्रतिभा दुगड़ एवं कोलकाता के अन्य विशिष्टजन के साथ-साथ देश के विभिन्न भागों से पधारे विशिष्ट समाज सेवी एवं अन्य प्रमुख कार्यकर्ताओं साथ देश के विभिन्न भागों से पधारे विशिष्ट समाज सेवी एवं अन्य प्रमुख कार्यकर्ताओं साथ देश के विभिन्न भागों से पधारे विशिष्ट समाज सेवी एवं अन्य प्रमुख कार्यकर्ताओं ने पूज्य प्रवर के सान्निध्य में उपस्थित होकर श्री कमल कुमार दुगड़ को मंगलकामनाएं ने पूज्य प्रवर के सान्निध्य में उपस्थित होकर श्री कमल कुमार दुगड़ को मंगलकामनाएं ने पूज्य प्रवर के सान्निध्य में उपस्थित होकर श्री कमल कुमार दुगड़ को मंगलकामनाएं प्रेषित की। कार्यक्रम का कुशल संयोजन जैन ·ोताम्बर तेरापंथी महासभा के महामंत्री एवं कल्याण परिषद् के संयोजक श्री विनोद बैद ने किया।
कमल कुमार दुगड़ के जन्मोत्सव पर विशेष पाथेयः जीवन को ज्योर्तिमान व तेजस्वी बनकर जीना मर्हज्ञः आचार्य श्री महाश्रमण
Leave a comment
Leave a comment