नई दिल्ली:2019 लोकसभा चुनाव से पहले जहां आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू विपक्ष को एकजुट करने में लगे हैं। वहीं यूपी में मायावती और अखिलेश यादव ने लोकसभा की तीन सीटों पर हुए उपचुनाव साथ मिलकर लड़ा है। बिहार में भी आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव बीजेपी और नीतीश के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में लगे हैं। इसके बाद अब जम्मू कश्मीर में भी विपक्ष एक जुट होता नजर आ रहा है।
जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और बीजेपी का गठबंधन टूटने के बाद से राष्ट्रपति शासन लागू है। ऐसे में वहां के विपक्षी दल कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) मिलकर सरकार बनाने की कवायद में लगे हुए हैं। अगर ऐसा होता है तो 16 साल बाद जम्मू कश्मीर में कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस मिलकर सरकार बनाएंगे। इससे पहले साल 2002 में तीनों दलों ने मिलकर सरकार बनाई थी और वो सरकार पांच साल चली थी।
जम्मू एवं कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच संभावित गठबंधन को लेकर PDP के सांसद मुज़्फ्फर बेग ने कहा कि इस पर जम्मू कैसी प्रतिक्रिया देगा? यह पूरी तरह मुस्लिम गठबंधन होगा, इस पर लद्दाख कैसी प्रतिक्रिया देगा? इस तरह की गैर-ज़िम्मेदाराना बातचीत से सिर्फ जम्मू एवं कश्मीर के तीन टुकड़े हो जाएंगे। लद्दाख और जम्मू उस सूबे का हिस्सा नहीं रहेंगे, जिस पर सिर्फ एक समुदाय का शासन होगा।
वहीं कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा है कि हम पार्टियों का यह कहना था कि क्यों न हम इकट्ठे हो जाएं और सरकार बनाएं। अभी सरकार बनने वाली स्टेज नहीं है, सिर्फ एक सुझाव के तौर पर बातचीत चल रही है।
जम्मू कश्मीर विधानसभा का हाल
कुल 87 सीटें
पीडीपी- 28
बीजेपी-25
नेशनल कॉन्फ्रेंस-15
कांग्रेस-12
जेकेपीसी-2
निर्दलीय-3
सीपीएम-1
जेकेपीडीएफ़-1
जम्मू कश्मीर में विपक्ष एक जुट
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