नई दिल्ली:पंजाब के अमृतसर में हमले के बाद केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां खालिस्तानी समूहों की सक्रियता को लेकर तमाम कड़ियां जोड़ने में जुट गई हैं। एनआईए ताजा हमले की जांच पूर्व में हुई राष्ट्रीय स्वंय संघ नेताओं की हत्या और आईएसआई की शह से खालिस्तानी समूहों की अशांति फैलाने की कोशिशों से जोड़कर भी करेगी।
एनआईए सूत्रों ने कहा कि हम घटना के सभी पहलुओं की जांच करेंगे। पहले भी सूबे को अशांत करने के लिए कुछ लोगों की हत्याएं की गई हैं। इस बार अलग तरीके से हमला किया गया है। लेकिन एजेंसियों को इस बात की पुख्ता जानकारी है कि पंजाब आईएसआई के निशाने पर है। सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि ताजा हमले की वजह क्या है यह विस्तृत जांच से ही पता चलेगा। लेकिन जांच एजेंसी की नजर आईएसआई की मदद पा रहे खालिस्तानी समूहों पर है।
कई देशों में चल रही गतिविधि
खालिस्तान समर्थक समूह दुनिया के कई देशों में अपनी गतिविधि चला रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि भारत अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, कनाडा सहित कई देशों में चल रही गतिविधियों को लेकर संबंधित देशों से संपर्क किया जा चुका है। कनाडा और ब्रिटेन में इनकी गतिविधियां काफी ज्यादा हैं। कुछ महीने पहले ब्रिटेन में खालिस्तान की मांग को लेकर जनमत संग्रह के पक्ष में प्रदर्शन भी किया गया था।
नैतिक व वित्तीय मदद दे रही आईएसआई
सूत्रों के मुताबिक सरकार विभिन्न एजेंसियों की रिपोर्ट पर पुख्ता जानकारी संबंधित सरकारों के सामने रख चुकी है कि आईएसआई खालिस्तान समूहों को नैतिक और वित्तीय मदद दे रही है। आईएसआई का मकसद भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देकर पंजाब में आतंकवाद को नए सिरे से उभारना है। सरकार ने सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों को खालिस्तान समर्थक गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए समन्वय बनाकर सूचनाएं जुटाने को कहा है।
ISI-खालिस्तान गठजोड़ पर NIA की नजर
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