देवरिया:अगस्त महीने में उत्तर प्रदेश के देवरिया स्थित एक आश्रम में चल रहे सेक्स स्कैंडल का खुलासा हुआ था। अब इस मामले में चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। देवरिया जिले में स्थित मां विंध्यावासिनी महिला और बालिका संरक्षण गृह में सेक्स स्कैंडल की जांच में जुटी पुलिस गवाहों के बयान के आधार पर इस केस पर काम कर रही है। पुलिस को दिए अपने बयानों में गवाहों ने बताया कि यहां रहने वाली लड़कियों को ‘ताकतवर अतिथियों’ के मनोरंजन के लिए उनके पास भेजा जाता था। अतिथियों के पास भेजन से पहले लड़कियों को ड्रग्स दिए जाते थे, जिससे कि उन्हें दर्द का अहसास न हो।
बता दें इस मामले की जांच यूपी पुलिस की एसआईटी (SIT) कर रही थी, जिस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था। कोर्ट ने एसआईटी को जांच में लापरवाही पाई थी और उसे कड़ी फटकार लगाई थी। एसआईटी हाई कोर्ट के जिन सवालों के जवाब नहीं दे पाई थी, उन सवालों के जवाब एसआईटी ने इस बार संभवत: तलाश लिए हैं।
उत्तर प्रदेश की महिला सेल ने 6 अगस्त और देवरिया पुलिनस ने 7 अगस्त को सीआरपीसी की धारा 161 और 164 के तहत यह बयान दर्ज किए थे। शेल्टर होम में चल रहे इस सेक्स स्कैंडल का खुलासा तब हुआ, जब यहां यौन शोषण का शिकार हुई एक 11 वर्षीय लड़की किसी तरह इस शेल्टर होम से भाग निकली। शेल्टर होम से लड़की के भाग निकलने के बाद तब देवरिया के एसपी रोहन कनय ने 5 अगस्त को उसकी आपबीती सुनने के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की।
एक 12 वर्षीय लड़की ने 6 अगस्त को यूपी पुलिस की महिला हेल्पलाइन 181 को दी अपनी स्टेटमेंट में इस शेल्टर होम के मालिक गिरिजा त्रिपाठी पर लड़कियों को पैसों के बदले सेक्स के लिए भेजने से पहले ड्रग्स देने का आरोप लगाया। हालांकि लड़की के इस खुलासे को बाद में देवरिया पुलिस ने अपनी स्टेटमेंट का हिस्सा नहीं बनाया। पुलिस ने इस मामले को मैजिस्ट्रेट के पास पेश करने से पहले न तो सीआरपीसी की धारा 161 और न ही 164 के तहत बयान दर्ज किए।
पीड़ित लड़की ने कहा था, ‘हम लोगों को लड़कों के पास भेजने से पहले वो हमको कोई दवा खिलाती थी। उनका कहना था कि इस दवा से तुम लोगों को दर्द नहीं होगा।’ एक 13 वर्षीय लड़की ने अपनी स्टेटमेंट में बताया, ‘बड़ी मैडम धमकाती थी, कहती थी, मार डालेंगे। तुमको पुलिस के सामने कुछ नहीं बताना और यदि पुलिस वाले आएंगे तो कुछ उठा कर मार देना और बड़े लगो आएंगे तो उनके साथ मौज मस्ती करना।’
एक और 12 वर्षीय लड़की ने अपने बयान में पुलिस को बताया कि वह इस शेल्टर होम में पिछले 5 महिने से ही रह रही थी, लेकिन गिरिजा उसे महिने में कम से कम पांच-छह बार गौरखपुर जरूर भेजती थी। लड़की ने बताया, ‘एक कार शाम को 4 बजे यहां पहुंचती थी और अगली सुबह वह हमें यहां वापस छोड़ देती थी। हर बार कोई नया व्यक्ति होता था। कभी-कभी आदमी मोटरसाइकलों से आते थे।’ लड़की ने यह भी बताया कि आदमी तभी लड़कियों को यहां से ले जा सकते थे, जब वह बदले में गिरिजा को कैश दे दें।
लड़कियों ने यह भी बताया कि यहां उन्हें खराब क्वॉलिटी का खाना दिया जाता था और अगर तय समय पर आश्रम की साफ-सफाई पूरी नहीं होती थी, तो लड़कियों को पिटाई भी की जाती थी। इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेने वाले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चारों पीड़ित लड़कियों उत्तर प्रदेश के अलग-अलग संस्थानों में सुरक्षित संरक्षण के लिए भेजा था।