नई दिल्ली:सीबीआई विवाद के बीच छुट्टी पर भेजे गए डायरेक्टर आलोक वर्मा के खिलाफ केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की गोपनीय रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि यह रिपोर्ट इस ओर इशारा करती है कि वर्मा के खिलाफ लगाए गए आरोपों को लेकर कुछ और जांच की जरुरत है।
सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा से कहा कि सोमवार तक वे अपना जवाब दाखिल करें। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि संस्थान (सीबीआई) की मर्यादा बहाल और उसे सुरक्षित रखने के साथ ही लोगों में विश्वास को देखते हुए इस पर सीबीआई डायरेक्टर की प्रतिक्रिया जरूरी समझी गई।
सरकार के दो बड़े लॉ ऑफिसर्स अटॉर्नी जनरल वीवी वेणुगोपाल और सॉलिसिटर जनरल को भी बंद लिफाफे में इसकी एक कॉपी सौंपी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से 31 अक्टूबर को आलोक वर्मा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एके पटनायक के पर्यवेक्षण में दो हफ्ते के भीतर सीवीसी जांच का आदेश दिया गया था। हालांकि, आयोग ने एक दिन की देरी से 16 नवंबर को कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
आलोक वर्मा को बंद लिफाफे में दी सीवीसी रिपोर्ट
सीबीआई विवादों पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीवीसी रिपोर्ट आलोक वर्मा को बंद लिफाफे में देने के लिए कहा। कोर्ट ने कहा कि सीवीसी रिपोर्ट पर वर्मा के जवाब देने के बाद ही कोर्ट अपने आगे का फैसला सुनाएगा। इसके साथ ही, कोर्ट ने सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को इनक्वायरी रिपोर्ट देने से इनकार कर दिया।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी।’
आलोक वर्मा के साथ नाइंसाफी हुई- सुब्रमण्यम स्वामी
उधर, बीजेपी नेता सुब्रमण्य स्वामी ने कहा- “मैं सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को तब से जानता हूं जब वे दिल्ली पुलिस कमिश्नर थे। मैनें उन्हें सीबीआई में एयरसेल मैक्सिस और अन्य केसों में देखा है। मैं उन्हें एक जिम्मेदार अफसर मानता हूं। काफी नाइंसाफी उनके साथ हुई है। यह भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारे प्रचार को आघात पहुंचाया है। मैं उम्मीद करता हूं कि सुप्रीम कोर्ट उन्हें न्याय देगा।”
सुप्रीम कोर्ट सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें उन पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच, उन्हें छुट्टी पर भेजने के आदेश को चुनौती दी गई थी। वर्मा द्वारा दायर याचिका के अलावा, अदालत में एनजीओ कॉमन कॉज की जनहित याचिका भी विचाराधीन है। इस याचिका में सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ विशेष जांच दल द्वारा जांच की मांग की गई है।
सीबीआई विवाद: वर्मा के खिलाफ सीवीसी रिपोर्ट में क्लीन चिट नहीं
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