नई दिल्ली:महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से कहा है कि आकाशवाणी में यौन उत्पीड़न की हालिया शिकायतों के निपटारे के लिए संवेदनशील और निष्पक्ष व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। हाल ही में मीटू अभियान के तहत आकाशवाणी में यौन उत्पीड़न के मामलों का सही ढंग से निवारण नहीं करने की कई शिकायतें आई हैं।
राठौड़ को लिखे पत्र में मेनका ने कहा, कुछ महिलाओं ने उचित प्राधिकार के समक्ष शिकायत की थी। लेकिन लगता है कि कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा, किसी भी संगठन में यह सामान्य चलन होता है कि यौन उत्पीड़न की शिकायत करने के साथ ही अस्थायी महिला कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया जाता है।
उन्होंने दो टूक कहा कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न विरोधी कानून हर मामले में बराबर से लागू होता है चाहे महिला कर्मचारी स्थायी हो या अस्थायी। मुझे भरोसा है कि आप इन शिकायतों को देखेंगे। यह सुनिश्चित करेंगे कि आकाशवाणी में ऐसे किसी भी शिकायत के निवारण के लिए संवेदनशील एवं निष्पक्ष व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि किसी भी जिम्मेदार संगठन को यौन उत्पीड़न की शिकायत करने वाली हर महिला को न्याय प्रदान करना चाहिए।
प्रोड्यूसर्स गिल्ड के दिशा-निर्देश लागू
मुंबई। प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (पीजीआई) ने गुरुवार को घोषणा की कि सभी भारतीय फिल्म प्रोडक्शन हाउस कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध व निवारण) अधिनियम 2013 (पीओएसएच) के क्रियान्वयन के लिए बाध्य हैं। गिल्ड ने बुधवार को अपने ईजीएम में कानून को अनिवार्य रूप से लागू करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया। इसमें आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) का गठन और
नियमानुसार पीजीआई के पास अपने संगठन में पीओएसएच के जरूरी दिशा-निर्देश को लागू करने का एक घोषणापत्र जमा करना है। पीजीआई के अध्यक्ष सिद्धार्थ राय कपूर ने कहा, गिल्ड द्वारा महिला सुरक्षा को लेकर की गई पहल के समर्थन को देखकर काफी गदगद हूं। हम दिशा-निर्देश का अनुपालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मीटू: ऑल इंडिया रेडियो में यौन उत्पीड़न, मेनका गांधी ने अपनाया कड़ा रुख, होगी जांच
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