नई दिल्ली: जल्द ही आप अपनी कार में बैठकर थाईलैंड तक जा सकेंगे। भारत सरकार म्यांमार की सरकार के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर रही है, जिससे आप सड़क मार्ग से आसानी से थाईलैंड तक सफर कर सकें। सोमवार को सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने म्यांमार के संचार एवं यातायात मंत्री यू थांट सिन माउंग के साथ भारत–म्यांमार यातायात संपर्क परियोजनाओं के बारे में बात की। इसमें भारत–म्यांमार–थाईलैंड त्रिभुज राजमार्ग भी शामिल है, जिस पर काम चल रहा है। इस राजमार्ग के अगले वर्ष दिसंबर 2019 तक बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है, जिसके बाद सड़क के रास्ते भारत से सीधे थाईलैंड जाया जा सकेगा।
सीमा आवागमन समझौता
भारत और म्यांमार के बीच इस वर्ष की शुरुआत में आवागमन संबंधी समझौते को लागू किया गया था। इसके तहत दोनों देशों के वैधानिक पासपोर्ट ओर वीजा प्राप्त नागरिक बिना विशेष अनुमति लिए सीमा के आर–पार जा सकते हैं। अब दोनों देशों को सिर्फ बस सेवा शुरु करने के लिए बस ऑपरेटरों का चयन करना है। यह सेवा शुरू होने के बाद भारतीय यात्री बस से म्यांमार सीमा तक जा सकेंगे, जहां से म्यांमार बस उन्हें आगे ले जाएगी। ठीक ऐसे ही म्यांमार के लोग भी वहां की बस में बैठकर भारत की सीमा तक आएंगे, जहां से भारतीय बस में बैठकर वे भारत में आ सकेंगे। दोनों देश द्विपक्षीय मोटर वाहन समझौते पर भी विचार कर रहे हैं जिसके तहत माल और यात्री आवागमन आसान हो सके।
ऐसे जा सकते हैं दिल्ली से थाईलैंड के रोड ट्रिप पर
2013 में दो दोस्त संजय मदान और तुषार अग्रवाल इस रोड ट्रिप पर गए थे। अगर आप भी इस रोड ट्रिप का आनंद उठाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कुछ चीजों की जरूरत पड़ेगी।
– 200 फीसदी कार्नेट फीस: देश से बाहर जाने और फिर लौटने के लिए कार्नेट की जरूरत पड़ती है। यह एक ऐसा दस्तावेज है जो इस इस ट्रिप पर जाने के लिए आपके पासपोर्ट की तरह काम करता है। इस दस्तावेजको लेने के लिए आपको अपने व्हीकल कीकीमत का 200 फीसदी ऑटोमाबाइल असोसिएशन ऑफ इंडिया के पास जमा कराना पड़ता है। यह रिफंडेबल होता है।
–लोकल गाइड: बिना बर्मीज लोकल गाइड के आप इस रोड ट्रिप का लुत्फ नहीं उठा पाएंगे।
दिल्ली–इंफाल–मोरेह–काले–बागान–इनले लेक–यैंगॉन–मैसोट–टक–बैंकॉक
यह रूट 4500 किमी लंबा है और इसमें दो अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पार किए जाते हैं। एक बार बैंकॉक पहुंचने पर आपके पास दो विकल्प होंगे। आप इसी रूट से वापस आ सकते हैं या अपनी कार किसी जहाज में रखकर किसी भी भारतीय बंदरगाह तक आ सकते हैं।
जल्द शुरू हो सकती है भारत-म्यांमार-थाईलैंड सड़क परियोजना
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