नई दिल्ली:देश की सर्वोच्च अदालत में मुकदमे तेजी से निपटने की संभावनाएं काफी तेज हो गई हैं, क्योंकि यहां अब जजों की संख्या बढ़कर 28 हो गई हैं जो निर्धारित संख्या से तीन कम हैं। जजों की संख्या बढ़ने से पीठों की संख्या भी बढ़कर 14 हो गई हैं। सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश को मिलाकर जजों की स्वीकृत संख्या 31 है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के कार्यभार संभालने के बाद पहली बार सर्वोच्च अदालत में चार जजों की एक साथ नियुक्ति हुई और वह भी 48 घंटों के रिकॉर्ड समय में। जजों की संख्या बढ़ने से अब सुप्रीम कोर्ट में 14 बेंचें काम करेंगी जिनसे केसों के निस्तारण की गति बढ़ेगी। सुप्रीम कोर्ट में 15 कोर्ट कक्ष हैं लेकिन ऐसा बहुत कम हुआ है जब इन सभी में बेंचें बैठी हों। सुप्रीम कोर्ट समान्य तौर पर दो जजों या तीन जजों के संयुक्त क्रम की पीठें होती हैं। एकल जज पीठ की अवधारणा सुप्रीम कोर्ट में नहीं है।
मुख्य न्यायाधीश ने कार्यभार संभालने के बाद पिछले दिनों रोस्टर तय किया है और पुराने केसों के लिए विशेष पीठ निर्धारित की हैं। ये पीठें पांच साल से पुराने आपराधिक केसों को प्राथमिकता पर लेंगी। इसमें वे केस भी शामिल होंगे, जिनमें दोषी व्यक्ति अपनी सजा काट चुका है। उन्होंने कहा कि है आपराधिक मामलों का निस्तारण उनकी प्राथमिकता पर है।
आरटीआई में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सर्वोच्च अदालत ने बताया है कि उसे इस बात से मतलब नहीं होता कि व्यक्ति सजा काटकर बाहर आ चुका है या या जेल के किसी स्थानीय बाइ लॉज के कारण अंदर ही है। यदि अपील आई है और वह विचार के लिए स्वीकार की गई है तो उसका निस्तारण अवश्य होगा। उसमें विवादित कानूनी बिंदु पर सर्वोच्च न्यायालय व्यवस्था जरूर देगा।
कई मामलों में ऐसा हुआ है कि किसी अपराधी ने जेल से अपील दायर की है, लेकिन उसकी अपील सुनवाई पर आने तक वह सजा पूरी कर चुका है। जब उसकी ओर से कोई वकील पेश नहीं होता तो कोर्ट एमाइकस क्यूरी (कोर्ट सहायक) नियुक्त कर केस की सुनवाई करता है। सुप्रीम कोर्ट में आपराधिक मामले के सुनवाई पर आने में तीन से चार साल तक का वक्त लग जाता है।
सीबीआई प्रमुख मामले की सुनवाई कल
सीबीआई प्रमुख आलोक कुमार वर्मा को छुट्टी पर भेजने के सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ वर्मा की याचिका पर सुनवाई करेगी। इस दिन कोर्ट सीवीसी की जांच रिपोर्ट का अध्ययन भी करेगी जो सुप्रीम कोर्ट में पेश की जाएगी। यह जांच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज न्यायमूर्ति ए.के. पटनायक की निगरानी में हुई है।
सुप्रीम कोर्ट में अब 14 पीठ करेंगी सुनवाई
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