नागपुर: देश भर के ट्रैफिक सिग्नल कुछ-कुछ सेकंड के अंतराल पर लाल, हरे और पीले होते रहते हैं। अब इन सिग्नलों के इर्द-गिर्द आवाज भी निकलती सुनाई देगी। यह आवाज पैदल चलने वालों से संबंधित होगी। अपनी तरह का यह अनूठा प्रयोग नागुपर में शुरू भी हो गया है।
महाराष्ट्र के डीसीपी राजतिलक रौशन ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। रौशन के अनुसार, उन्होंने फिलहाल यह प्रयोग नागपुर के सबसे व्यस्ततम इलाकों में से एक वैरायटी चौक पर शुरू किया है। इसे उन्होंने पेडेस्ट्रियन फ्रेंडली सिग्नल सिस्टम नाम दिया है। वैरायटी चौक पर सड़क दुर्घटनाएं बहुत होती हैं। यहां मॉल्स और अलग-अलग तरह के बहुत मार्केट्स भी हैं, इसलिए राहगीर बहुत सड़क क्रास करते हैं।
किसी भी चौक पर हर सिग्नल-चाहे वह नार्थ, साउथ दिशा में हो या ईस्ट व वेस्ट दिशा में–एक-एक कर ग्रीन होता है। जब सिग्नल के ग्रीन, रेड या ऐलो होने का फिक्स अंतराल पूरा हो जाता है, तो उसके बाद नागपुर के वैरायटी चौक पर पैदल चलने वालों के लिए 30 सेकंड का स्लॉट रिजर्व किया गया है। मतलब उस दौरान राहगीर उस आधे मिनट के दौरान किसी भी दिशा में पैदल जा सकेंगे और उस दौरान इस चौक पर सभी दिशा के वाहन एकदम खामोश खड़े रहेंगे।
रौशन कहते हैं कि इस चौक पर राहगीरों के लिए जैसे ही 30 सेकेंड का स्लॉट शुरू हो जाता है, सिग्नल पर रिकॉर्डेड ऑटोमेटिक अनाउंसमेंट सिस्टम चालू हो जाता है , जो वाहन चालकों को आगाह करता है कि अगले 30 सेकंड सिर्फ पैदल यात्रियों के लिए हैं। इस दौरान सभी लोग अपनी गाड़ी बंद रखें। यह अनाउंसमेंट सिस्टम इसलिए शुरू किया गया है, ताकि वाहन चालकों को सिग्नल खराब होने की गलतफहमी न रहे।
डीसीपी रौशन कहते हैं कि हमने जो सिस्टम डिजाइन किया गया है, वह मार्केट में रेडीमैड मिलता नहीं। इसीलिए हमने इस सिस्टम के लिए मार्केट से जरूरी हार्डवेयर, कंपोनेंट्स खरीदकर उसे असेंबल किया और फिर अनूठे सॉफ्टवेयर की मदद से इसे होम मेड प्रोडक्ट बनाया। नागपुर में अभी 157 सिग्नल्स हैं। रौशन कहते है कि यदि यह प्रयोग नागपुर के वैरायटी चौक पर सफल हो गया, तो हम सभी जगह न सही, पर इसका विस्तार उन सिग्नलों पर जरूर करेंगे, जहां पैदल चलने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है। उन्हें भरोसा है कि भविष्य में पूरे महाराष्ट्र या पूरे देश में यह बहुत काम का सिस्टम साबित हो सकता है।
शुरू हुए बोलने वाले ट्रैफिक सिग्नल
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