मुंबई। अणुव्रत प्रवर्तक आचार्य तुलसी का 105 वां जन्मदिवस के उपलक्ष में अणुव्रत दिवस का आयोजन शांति दूत, अणुव्रत अनुशास्ता, महा तपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती शिष्य उग्र विहारी तपो मूर्ति मुनि श्री कमल कुमार जी एवं शासन श्री सोम लता जी के सानिध्य में तेरापंथ भवन कांदिवली में किया गया ।
मुनि श्री कमल कुमार जी ने बताया कि आचार्य तुलसी ने नए धर्म का सूत्रपात किया, जिसमें अनुशासन ,संयम ,संस्कार की भावना है। इसमें प्रत्येक व्यक्ति अणुव्रती बन सकता है, तथा अपने जीवन में सदाचार ,नैतिकता, ईमानदारी से अपना जीवन व्यतीत कर सकता है ।निज पर शासन फिर अनुशासन के द्वारा अच्छे चिंतन से व्यक्तियों को आबाद कर सकते हैं। अणुव्रत,जीवन विज्ञान, प्रेक्षा ध्यान के द्वारा आचार्य तुलसी ने चरित्र निर्माण की बात कही।
मुनि श्री नमी कुमार जी एवं मुनि श्री अमन कुमार जी ने भी श्रद्धा स्वर व्यक्त किए ।
साध्वी श्री शकुंतला कुमार जी ने गीतिका का संगान किया। साध्वी श्री रक्षितयशाजी ने वक्तव्य दिया।
अणुव्रत समिति मुंबई के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में अध्यक्ष रमेश चौधरी ने अणुव्रत के सिद्धान्तों को को जन जन तक पहुंचाने का आह्वान किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलाचरण कांदीवली तेयुप द्वारा किया गया ,विनोद डागलिया ,दिलीप चपलोत, श्रीमती सुशीला मादरेचा, हेमलता सोनी ,प्रेमलता कच्छारा,सुरेश ओस्तवाल ,किशोर धाकड़, सुरेंद्र बोथरा, संजय मांडोत, शांतिलाल दुग्गड़, श्रीमती मिठू देवी कोठारी, जयचंद सांखला, सुशील खाटेड ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन मंत्री चेतन कोठारी ने किया । कार्यक्रम में मलाड, अंधेरी ,गोरेगांव, घाटकोपर ,बोरीवली, दहिसर, वासी, के श्रावक श्राविकाओं की उपस्थिति रही। यह जानकारी अणुव्रत क्षेत्रीय संयोजक किशोर धाकड़ ने दी।
कांदिवली में अणुव्रत दिवस का आयोजन
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