मुंबई। दूसरे चरण व्यक्तित्व विकास की कार्यशाला की शुरुवात किशोर मण्डल व कन्यामण्डल के मंगलाचरण से हुआ । अनेक बच्चो ने इसमें भाग लिया। शासन श्री बच्चो को उदबोधन देते हुए कहा आप अभी ऐसे चौराहे पर खड़े है यदि वहाँ से रास्ते भटक सकते हो इससे सिर्फ मार्ग से नही भटकेंगे जीवन से भी भटक सकते है। जीवन को गुमराह न होने दे। अपने आवेश और आवेग को शांत रखे। अच्छे दोस्तो की संगति रखे। हम जैन है इसकी अनुभूति हमेशा बनी रहे।
डॉ साध्वी गवेषणा ने कहा हम शिक्षा के क्षेत्र में रहते हुए भी अपने जीवन को नीरस न बनाकर सरस बनाये। सिर्फ फ़ैशन कि दौड़ में मदहोश मत हो । कुछ अभी से लक्ष्य बनान है। लक्ष्य ऊंचा हो,आदर्श हो तो जीवन का स्तर भी ऊंचा हो सकता है। साध्वी मेरुप्रभा ने भारत के हम बच्चे गीतिका के द्वारा अपने भाव व्यक्त किये। साध्वी मयंक प्रभा ने अपने विचार रखे।
मोटिवेटर जयेश मेहता ने कहा कोई भी काम करे मन से करे उसमे एकाग्रता हो समय के साथ चले जीवन चर्या नियम बिंदु होना चाहिए। अस्त व्यस्त न हो । अनुशासन व विनम्रता रखे। माता पिता का सम्मान करें। हम अपने दायित्व को समझे । कार्यक्रम का आभार ज्ञापन कैलाश संचेती ने किया। कार्यक्रम का सुंदर संयोजन सागर गेलड़ा एवं आस्था गेलड़ा ने किया। इस कार्यशाला के प्रचार प्रसार में शहादा के प्रभारी श्री प्रमोदजी छाजेड़ का काफी सहयोग रहा।
इस अवसर पर दोण्डएचा, प्रकाशा, नंदुरबार, बोरला, सारंगखेड़ा, जलगांव, आदि क्षेत्रों से अच्छी उपस्तिथि रही।
व्यक्तित्व विकास कार्यशाला सम्पन्न
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