पटना:लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में चाचा भतीजे की लड़ाई अब चुनाव आयोग पहुंच गई है। पार्टी के नए अध्यक्ष चुने गए चाचा पशुपति कुमार पारस और भतीजे चिराग पासवान दोनों ने पार्टी पर अपनी दावेदारी जताई है। पशुपति कुमार पारस ने खुद के अध्यक्ष चुने जाने का दस्तावेज आयोग को भेजने की बात कहते हुए पार्टी पर दावा जताया है। उन्होंने पार्टी का झंडा और चुनाव चिन्ह उपयोग की इजाजत मांगी है। उनके दावे को गलत साबित करने के लिए चिराग भी चुनाव आयोग पहुंच गए।
पार्टी पर अपनी दावेदारी पेश करने के लिए चिराग पासवान समर्थकों के साथ शुक्रवार की शाम चुनाव आयोग पहुंचे। चिराग ने कहा कि आज लोजपा के 5 सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात की। हमने आयोग के सामने अपनी बातें रखीं। हमने उनके संज्ञान में दिया कि 2019 में लोजपा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हुआ और मुझे ज़िम्मेदारी दी गई, हर 5 साल में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता है।
चिराग ने बताया कि कुछ लोगों को पार्टी से निलंबित किया गया है। इसमें 5 सांसद, 2 प्रदेश अध्यक्ष, 1 राष्ट्रीय महासचिव, 1 हमारी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। ये लोग कहीं न कहीं पार्टी के नाम पर दावा करने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए हम चुनाव आयोग के सामने आए हैं।
चिराग ने दावा किया कि कार्यकारिणी का बहुमत उनके साथ है। बागियों ने पार्टी संविधान के खिलाफ काम किया है। उन्हें मान्यता नहीं दी जा सकती। चिराग पासवान ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक द्वारा मुझे चुना गया था। संवैधानिक प्रक्रिया के तहत मैं ही पार्टी का अध्यक्ष हूं। अगर कोई ऐसा दावा करता है तो वो गलत है। इस मसले पर हमले केंद्रीय चुनाव आयोग को सूचित किया है। आयोग ने हमें उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
चिराग पासवान ने कहा कि लोकसभा अध्याक्ष ने बिना हमारी पार्टी के संविधान के फ़ैसला देकर गलती की है। मैं लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात करूंगा और उन्हें हमारी पार्टी के संविधान के बारे में बताएंगे। हमने 10 लोगों को पार्टी से निलंबित किया था। इसमें पांच सांसद भी हैं।
चाचा पशुपति पारस के अध्यक्ष चुने जाने पर चिराग पासवान ने कहा कि इस मसले पर एक तस्वीर भी सामने क्यों नहीं कर रहे हैं। हम भी देखें आखिर वो कौन-कौन से लोग थे? केवल अफवाह फैलाई जा रही है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को मेरी पार्टी के संविधान की जानकारी नहीं होगी। हमने उनसे कहा है वो अपने निर्णय पर दोबारा विचार करें।
वहीं, पशुपति पारस ने भी चिराग पासवान पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मेरा निर्वाचन सर्वसम्मति से निर्विरोध हुआ है। सारा डॉक्यूमेंट लेकर आए हैं। उसे चुनाव आयोग को भेजा है। पारस ने बताया कि पार्टी के लोग चुनाव आयोग को उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने का प्रमाण पत्र सौंपेंगे। उन्होंने फिर दोहराया पार्टी के लोग एनडीए में थे, एनडीए में है और आगे भी रहेंगे। केंद्र में मंत्री बनाना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। मेरा निर्विरोध निर्वाचन हुआ है। हम लोग राम विलास पासवान के सिद्धांत से भटक गए। यह मजबूरी का स्टेप है। ये पार्टी को बचाने का स्टेप है।