मुंबई। आचार्य महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी के अवसर पर प्रेक्षा वाहिनी एवं अणुव्रत भवन प्रबंधन संस्थान के संयुक्त आयोजकत्व में प्रेक्षाध्यान की कार्यशाला का सुन्दर व सुव्यवस्थित आयोजन किया गया। अणुव्रत भवन संस्थान के मंत्री सागरमल कांवडिया ने बताया- प्रवक्ता उपासक एवं वरिष्ठ प्रेक्षा प्रशिक्षक पारसमल दुग्गड (वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड से सम्मानित) ने प्रशिक्षण में प्रेक्षाध्यान , ध्वनि मुद्रा एवं रंग थैरेपी , द्वारा शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक बीमारियों के उपचार हेतु अनेक प्रयोग करवाए।
प्रेक्षा वाहिनी संयोजिका डॉ सीमा कावड़िया ने मंच संचालन करते हुए प्रेक्षा गीत से कार्यशाला का शुभारम्भ किया। पारसमल दुगड ने प्रशिक्षण में महाप्राण ध्वनि, दीर्घ श्वास प्रेक्षा, आसन, प्राणायाम, मुद्राऐं , स्वं द्धारा रिसर्च की गयी घुटने दर्द के लिए पारस मुद्रा के प्रयोग करवाएं। भय से मुक्ति के लिए अभय की अनुप्रेक्षा करवाई गई। रंग चिकित्सा पद्धति द्वारा कमर, गर्दन, कान व पेट दर्द से राहत पाने के उपचार बताए गए। अणुव्रत गौरव डॉ महेंद्र कर्नावट, डॉ सीमा कावड़िया ने साहित्य द्वारा वरिष्ठ प्रेक्षा प्रशिक्षक का सम्मान किया। इस अवसर पर इस अवसर पर मेवाड़ कॉन्फ्रेंस के महामंत्री भूपेंद्र चौरडिया, भिक्षु बोधि स्थल अध्यक्ष ख्याली लाल चपलोत, विनोद बोहरा, निर्मला कोठारी, सुरेश बोहरा डूंगर सिंह कर्णावट, ललित बडोला, डॉ विमल कावड़िया, कमलेश कच्छारा, हर्ष लाल नवलखा, अचल धर्मावत, विनय कोठारी, पुष्पा कर्णावट, प्रवीण पामेचा, राकेश लड्ढा, प्रवीण ढीलीवाल, मुकेश जेथलिया, नरेंद्र चीपड, एडवोकेट नीलम शर्मा, सुनीता मेहता सहित 80 से अधिक संभागियों ने भाग लिया। अंत में आभार सागरमल कावड़िया ज्ञापित ने किया।
प्रेक्षाध्यान कार्यशाला का सुन्दर आयोजन
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