मुंबई:राकांपा प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को दावा किया कि महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती देवेन्द्र फडणवीस सरकार ने ऐलगार परिषद वाले मामले में पुलिस मशीनरी का दुरुपयोग किया है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि ऐलगार परिषद मामला और एक जनवरी, 2018 में पुणे जिले के कोरेगांव-भीमा की घटना, दोनों अलग-अलग मामले हैं।
यहां संवाददाताओं से बातचीत में पवार ने कहा कि फडणवीस नीत भाजपा सरकार और पुणे पुलिस ने ऐलगार परिषद मामले में अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया। उन्होंने इस मामले में पुणे पुलिस के व्यवहार और फडणवीस नीत सरकार द्वारा अधिकारों के दुरुपयोग की जांच के लिए एसआईटी के गठन की मांग की।
पवार ने बताया कि केन्द्र ने मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दी क्योंकि उन्हें डर था कि सच्चाई बाहर आ जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐलगार परिषद के कार्यकर्ताओं को आक्रामक कहा जा सकता है, लेकिन उन्हें राजद्रोही नहीं कह सकते। पवार ने कहा कि कोरेगांव-भीमा हिंसा हिन्दूत्व कार्यकर्ताओं मिलिंद एकबोटे और सम्भाजी भिडे द्वारा पैदा किए गए ‘अलग माहौल का नजीता था।
बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार के यलगार परिषद मामले को केंद्र को सौंपे जाने के फैसले पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने नाखुशी जताई थी। पवार ने कहा था कि केंद्र का एनआईए को यलगार परिषद मामला दिए जाने का निर्णय अनुचित था। लेकिन इससे ज्यादा अनुचित यह है कि राज्य सरकार ने इसे मंजूरी दे दी। पवार ने कहा है कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना एक राज्य का विषय है।
पिछले साल महाराष्ट्र चुनाव के बाद राज्य में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार बनी थी। उसके बाद से यह पहला मामला है जब उद्धव ठाकरे के किसी फैसले पर शरद पवार ने नाखुशी जताई। महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि यलगार परिषद मामले की जांच एनआईए द्वारा अपने हाथ में लेने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है। केंद्र सरकार ने पिछले महीने मामले की जांच पुणे पुलिस से लेकर एनआईए को सौंप दी थी।