वॉशिंगटन:अंतराराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारतीय अर्थव्यवस्था में ज्यादा मजबूती के लिए दीर्घकालिक सुधारों की जरूरत महसूस की है। आईएमएफ ने गुरुवार को कहा कि भारत ने अर्थव्यवस्था को लेकर बुनियादी बातों पर काम किया है, लेकिन लंबे समय तक विकास को लेकर कुछ परेशानियां हैं, जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। भारतीय महिलाएं काफी प्रतिभाशाली हैं और श्रम शक्ति में उन्हें शामिल किया जाए।
- पिछले दिनों जारी हुई आईएमएफ की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.1 फीसदी रहने का अनुमान है। हालांकि आईएमएम को उम्मीद है कि 2020 में इसमें सुधार होगा और तब विकास दर 7 फीसदी रह सकती है।
- आईएमएफ के मुताबिक, 2019 में भी भारत और चीन दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बने रहेंगे। हालांकि, रिपोर्ट में उसने भारत की विकास दर में 1.2% की कटौती का अनुमान जताया है। आईएमएफ ने अप्रैल में विकास दर 7.3% रहने की बात कही थी।
पिछले साल भारत की वृद्धि दर काफी मजबूत रही: आईएमएफ
आईएमएफ के एमडी क्रिस्टालिना जियोर्गिवा ने कहा है कि भारत को अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए गैर-वित्तीय संस्थानों और बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में सुधार की ओर ध्यान देना होगा। दीर्घकालिक सुधारों के लिए मानव पूंजी में निवेश पहली प्राथमिकता है। श्रम शक्ति में महिलाओं को शामिल करना जरूरी है। भारतीय महिलाएं बहुत प्रतिभाशाली हैं, लेकिन घर बैठी हुई हैं। क्रिस्टालिना के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछले साल काफी मजबूत वृद्धि दर्ज की गई थी।
2020 में चीन की विकास दर 5.8% रहने का अनुमान
रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में कॉरपोरेट और पर्यावरण नियामकों की अनिश्चितता के चलते भारत की विकास दर धीमी पड़ सकती है। गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों की सेहत की चिंता भी इसमें जुड़ी हुई है। भारत के अलावा 2019 में चीन की विकास दर 6.1% और 2020 में 5.8% रहने का अनुमान जाहिर किया गया है। 2018 में चीन की विकास दर 6.6% थी। विश्व की अर्थव्यवस्था के बारे में आईएमएफ ने अनुमान जाहिर किया है कि 2019 में विकास दर 3.3% और 2020 में 3.4% हो सकती है।