अंधेरी ओरी से निकला तेरापंथ का सूरज- मुनिश्री जिनेश कुमार जी
पालघर। महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनिश्री जिनेश कुमार जी ठाणा 2 के सान्निध्य में 260 वा तेरापंथ स्थापना दिवस तेरापंथ सभा पालघर द्वारा विविध आयोजनों के साथ हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। मुख्य समारोह में धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने कहा मारवाड़ की कंटकाकीर्ण धरती पर जन्म लेकर गुलाब की तरह सत्य की सौरभ फैलाने वाले फौलादी व्यक्तित्व के धनी थे आचार्य श्री भिक्षु। उनकी धर्म कांति ही तेरापंथ के रूप में प्रसिद्ध हुई । वि. स. 1817 आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन केलवा की अंधेरी में तेले की तपस्या में संत भिक्षु के भाव दीक्षा के स्विकारण के साथ तेरापंथ की स्थापना हो गई। अंधेरी ओरी से निकला तेरापंथ 260 वर्ष बाद भी दुनिया को सत्य के आलोक से आलौकित कर रहा है। आचार्य श्री भिक्षु ने आचार, विचार और व्यवस्था क्रांति की। अंधरूढ़ियों पर कबीर की वाणी की तरह चोट करने वाली उनकी वाणी थी। वे निर्भीक, साहसी पुरुषार्थी, सत्य के पक्षधर व आचारवान थे।
गुरु पुर्णिमा पर बोलते हुए मुनिश्री जिनेश कुमार जी ने कहा गुरु कागज, पत्थर व लकड़ी की नौका के समान होते हैं। जो गुरु लकड़ी की नौका की तरह होते हैं वे ही जीवो को भवसागर से पार लगा सकते हैं। गुरु अंधकार का नाश करने वाले होते हैं। आज गुरु पूर्णिमा और तेरापंथ स्थापना दिवस पर तेला तप आदि तप व जप करने वाले साधुवाद के पात्र हैं।
इस अवसर पर मुनि श्री परमानंद जी ने कहा तेरापंथ के विकास पर मुख्य कारण आचार विचार की शुद्धता, संगठन, समर्पण आदि तत्व है।
कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ महिला मंडल के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण तेरापंथ सभा के अध्यक्ष नरेश जी राठौड़ ने दिया। आभार ज्ञापन तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष हितेश सिंघवी व संचालन मुनि श्री परमानंद जी ने किया। इस अवसर पर श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन व समापन सामूहिक संगान से हुआ।
संतों की प्रेरणा से पालघर जिले में करीबन 165 तेला तप संपन्न हुए। जिसमें बड़ी संख्या में उपस्थित तेला तपस्वियों ने सामूहिक रूप से मुनि श्री जी द्वारा तेला तप का प्रत्याख्यान किया।
मुख्य समारोह से पूर्व श्रावक समाज द्वारा अनुशासन रैली का आयोजन किया गया। जो नगर के मुख्य मार्गो पर जयघोष करती हुई तेरापंथ भवन पहुंच कर धर्मसभा में परिवर्तित हुई।
260 वे तेरापंथ स्थापना दिवस के अवसर पर त्रिदिवसीय “ॐ भिक्षु” के अखंड जप अनुष्ठान का आयोजन किया गया। जिसे सफल बनाने में तेरापंथी सभा, तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ कन्या, किशोर मंडल का महत्व पूर्ण योगदान रहा। दोपहर में वर्षावास स्थापना अनुष्ठान भी किया गया। समाचार प्रदाता दिनेश राठौड़।