मुम्बई। महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी के दीक्षा महोत्सव का भव्य कार्यक्रम शासन श्री साध्वी कैलाशवतीजी के सानिध्य में उत्साह पूर्वक मनाया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी श्री पंकजश्रीजी के नमस्कार महामंत्र से हुआ । शासन श्री साध्वी कैलाशवतीजी ने कहा- आचार्य श्री महाश्रमण जी बचपन से ही सूझबूझ के धनी थे ।विनम्रता सहजता योग्यता आदि गुणों का अंकन करते हुए गणाधिपति तुलसी ने कहा – साधु हो तो मुदित मुनि जैसा । आचार्य महाप्रज्ञ जी फरमाते – शासन का भाग्य है कि मुझे युवाचार्य महाश्रमण जैसा उत्तराधिकारी मिला । आचार्य महाश्रमण जी ने गुरुदेव तुलसी और आचार्य महाप्रज्ञजी दोनों के मन को जीता है । आचार्य प्रवर के प्रति यही मंगल कामना करती हूं आप दीर्घायु हो, चिरायु हो, लंबे समय तक संघ की सारणा वारणा करते रहे । मैं आपकी पद चिन्हों पर चलती हुई, अपनी लक्षित मंजिल को प्राप्त करु ।
साध्वी पंकज श्रीजी ने वक्तव्य देते हुए कहा आचार्य महाश्रमण जी बचपन से ही प्रतिभा संपन्न विद्यार्थी थे । चौथी और पांचवी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया और क्लास के 3 साल तक मॉनिटर भी रहे । आप श्री जनता को भगवान मानकर मानव जाति की सेवा कर रहे हैं । आपका पवित्र आभामंडल और मधुर मुस्कान आने वाले हर व्यक्ति को आकर्षित करती है । गुरुदेव आप स्वस्थ रहें, चिरायु रहें, लंबे समय तक जिन शासन की सेवा करते रहे, यही मेरी शुभकामना है । शारदा प्रज्ञा जी ने अपने भाषण में कहा आचार्य श्री महाश्रमण जी ने 46000 किलोमीटर की पदयात्रा कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है । पूज्यप्रवर ने पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण की धरती को इन नन्हे नन्हे कदमों से नापा है । दिनेश धाकड़ ने कविता की प्रस्तुति दी । सुरेश निमजा ने और ताराचंदजी बरलोटा ने गीत के द्वारा अपने आराध्य का अभिनंदन किया । कार्यक्रम में चन्दनमलजी बैद, दिनेश मेहता,अशोक बरलोटा, हुल्लास बरलोटा, रेखा बरलोटा, आदि उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन साध्वी सम्यक्तव यशाजी ने किया । यह जानकारी तेयुप दक्षिण मुंबई के मीडिया प्रभारी नितेश धाकड़ ने दी।
उत्साहपूर्वक मनाया आचार्य श्री का दीक्षा महोत्सव
Leave a comment
Leave a comment