मुंबई:शिवसेना के पूर्व सदस्य और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने दावा किया है कि साल 1989 में आतंकवादियों ने ठाकरे परिवार के निवास स्थान ‘मातोश्री’ को बम से उड़ाने की योजना बनाई थी. जिसकी वजह से शिवसेना के संरक्षक और संस्थापक बाल ठाकरे और उनके परिवार के प्रत्येक सदस्यों को कुछ दिनों के लिए सुरक्षित जगह पर शिफ्ट होने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
उन्होंने अपनी किताब में दावा किया है कि महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री शरद पवार ने बाल ठाकरे के बड़े बेटे उद्धव ठाकरे को फोन किया था और इस धमकी की सूचना उन्हें दी थी. उस वक्त उद्धव ठाकरे बीजेपी के समर्थन से राज्यसभा सांसद थे. नारायण राणे ने यह भी दावा कि है कि ठाकरे खालिस्तानियों की हिट लिस्ट में थे. अलगावदी खालिस्तानी आंदोलन के समर्थक मुंबई समेत कई शहरों में थे.
राणे के मुताबिक, 19 मार्च, 1988 को बाल ठाकरे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जहां उन्होंने एक प्रश्नावली बंटवाई, जिसमें शहर के सिख समुदाय के लोगों से यह आश्वासन मांगा गया था कि वे आंदोलन की गतिविधियों का वित्तपोषण नहीं करेंगे. उनके अनुसार, बाल ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की थी कि सिख अगर चरमपंथ की फंडिंग करते रहे, तो उनका शहर में सामाजिक और आर्थिक रूप से बहिष्कार कर दिया जाएगा.
राणे ने अपनी जीवनी ‘No Holds Barred: My Years In Politics’ में तीन घटनाओं का जिक्र किया है. वह कहते हैं कि शिवसेना साल 1989 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव हार गई और हार ने ठाकरे को और भी कमजोर स्थिति में ला दिया था. क्योंकि राज्य की सुरक्षा कांग्रेस के हाथ में थी. इसके बाद बाल ठाकरे ने मातोश्री की सुरक्षा बढ़ा दी और सबको हाई अलर्ट पर रख दिया गया. इन तनावों के बीच हाल ही में शादी के बंधन में बंधने वाले उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री शरद पवार का अचानक ही फोन आया, जिसमें उन्हें तुरंत उनसे मिलने के लिए बुलाया गया. खासतौर पर शरद पवार ने उन्हें अकेले आने के लिए कहा. वह अकेले में उद्धव ठाकरे से मिलना चाहते थे.
राणे के मुताबिक, ‘मुख्यमंत्री पवार ने उद्धव ठाकरे के साथ गुप्त बातचीत की और उन्होंने उद्धव को सूचित किया कि उन्हें विश्वसनीय जानकारी मिली है कि मातोश्री पर बमबारी की साजिश रची गई है और जो आतंकवादी इस हमले को अंजाम देने वाले हैं, वे शहर में आ गए हैं.’
राणे आगे कहते हैं कि ‘शरद पवार ने यह भी सूचित किया था कि वह इस बात से ज्यादा चिंतित थे क्योंकि इसमें मातोश्री के ही कुछ लोग शामिल थे. राणे ने अपनी किताब में यह भी लिखा है शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को पुलिस सुरक्षा बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था. साथ ही उन्होंने कहा था कि उन्हें इस बात की जानकारी सिर्फ अपने परिवार वालों तक ही सीमित रखनी थी.’
उद्धव ठाकरे ने आतंकी हमले की सूचना की जानकारी अपने पिता बाल ठाकरे से साझा की थी. इसके बाद बाल ठाकरे ने घर के हर सदस्य को दो दिनों के लिए एक सुरक्षित जगह पर जाने का निर्देश दिया और मातोश्री से दूर रहने को कहा. अगली सुबह ठाकरे अपनी पत्नी मीनाताई के साथ लोनावाला चले गए.
बता दें कि पुस्तक में राजनीति के बड़े लोगों के साथ राणे की मुठभेड़ों की कहानियों का खुलासा किया गया है- जिसमें ठाकरे, प्रमोद महाजन, गोपीनाथ मुंडे, मनोहर जोशी, विलासराव देशमुख, अशोक चव्हाण और देवेंद्र फड़नवीस से लेकर शरद पवार, अहमद पटेल और राहुल और सोनिया गांधी शामिल हैं. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री राणे ने इस किताब में विस्तार से लिखा है कि आखिर उन्होंने क्यों और कैसे शिवसेना का साथ छोड़ा और कांग्रेस में शामिल हुए. फिर कैसे कांग्रेस से अलग होकर अपनी खुद की पार्टी बनाई- महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष.