काश कि इस संसार का हर व्यक्ति यह सोचने के बजाय कि वह किस तरह दिखता है, यह सोचे कि वह क्या कर सकता है? कुछ ऐसी ही अनोखी सोच रखती हैं 17 साल की जेड हैमिस्टर। उनका जन्म 5 जून, 2001 को ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में हुआ था। जेड के विचार उनकी उम्र की तुलना में बहुत सुलझे हुए और प्रेरणादायक हैं। उन्हें हमेशा लगता कि पुरुष प्रधान समाज में लड़कियों को कमतर आंका जाता है। लड़कियों की परवरिश इस सोच के साथ की जाती है कि वे अपने बाह्य रूप पर ज्यादा ध्यान दें, कम खाएं, आकर्षक दिखें और अपने राजकुमार का इंतजार करें जो उसे मुसीबतों से बचाएगा, साथ ही लड़कियां ऐसी गतिविधियां न करें जो लड़कों के लिए हैं। .
जेड हैमिस्टर बचपन से ही महात्वाकांक्षी थीं और उनके माता-पिता ने कभी उनके विचारों को बदलने की कोशिश नहीं की। जेड के पिता इंवेस्टमेंट ब्रोकर थे, फिर जमीन के विकास संबंधी कंपनी में चेयरमैन रहे। वह मानते हैं कि अभिभावक अपने बच्चों को या तो जमीन-जायदाद, मकान और गाड़ी दें या फिर उन्हें उड़ने के लिए पंख। वह अपनी बेटी पर गर्व करते हैं कि वह परंपरागत तरीके छोड़कर अपनी क्षमता और योग्यता के आधार पर आगे बढ़ रही हैं। जेड हैमिस्टर विश्व की पहली लड़की हैं जिन्होंने मात्र 14 साल की उम्र में उत्तरी ध्रुव (नार्थ पोल ) की यात्रा की। अबतक के इतिहास में वह पहली इंसान हैं जो पोलर हैट्रिक लगा चुकी हैं। नार्थ पोल, साउथ पोल और ग्रीन लैंड आइसकैप दुर्लभ तीन स्थानों पर वह अपने हौंसले की जीत का परचम फहरा चुकी हैं। इस तरह जेड ने 1300 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय की है। उनके इस साहसिक कार्य पर नेशनल ज्योग्राफिक ने एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी बनाई है। .
अप्रैल, 2016 में जेड ने स्कींग करके पोलर समुद्र का कठिन रास्ता तय किया। इससे पहले जेड रेत पर भारी टायर हाथों से खींचकर अभ्यास किया करती थीं। उत्तरी ध्रुप पर जेड 50 किलो स्लेड को 8 से 10 घंटे तक बर्फ पर घसीट कर ले जातीं। उनके पैरों में छाले पड़ गए और उंगलियों के सिरों में महसूस करने की शक्ति खत्म हो चुकी थी। तापमान शून्य से 40 डिग्री नीचे था। पतली बर्फ की परत पर चलना किसी जोखिम से कम नहीं था लेकिन उन्होंने यह काम कर दिखाया। जेड हैमिस्टर को ‘ऑस्ट्रेलियन जियोग्राफिक सोसायटी ने यंग एडवेंचरर ऑफ द ईयर-2016’ पुरस्कार से नवाजा गया। .
4 जून, 2017 को जेड ने अपना दूसरा अभियान खत्म किया, जिसमें उन्होंने ग्रीनलैंड आइसकैप तक 550 किलोमीटर की दूरी तय की। 27 दिन के सफर में वह हर दिन लगभग 25 किलोमीटर की दूरी बर्फ में चलकर पार करती थीं। वह ग्रीनलैंड पार करने वाली विश्व की पहली महिला बनीं। नवंबर, 2017 में जेड ने अंटार्कटिका से दक्षिणी ध्रुव की यात्रा शुरू की, जो कि अंटार्कटिका के रॉस आइस शेल्फ से साउथ पोल तक लगभग 600 किलोमीटर की दूरी थी। उन्होंने 37 दिनों में यह रास्ता 10 जनवरी, 2018 को पूरा किया। जेड ने इस दौरान अपने वजन से दोगुना भारी स्लेड खींचा। चारों तरफ कोई पेड़-पौधे, जानवर नहीं थे, वहां केवल बर्फ ही बर्फ थी। जेड हैमिस्टर अपने अभियान के जरिए उन सभी को संदेश देना चाहती हैं जो लड़कियों को हतोत्साहित करते हैं या कमजोर होने का अहसास कराते हैं। जेड के जज्बे को विश्व की सभी लड़कियों का सलाम। .
सीख
– प्रकृति ने महिला और पुरुष की शारीरिक रचना में आवश्यक अंतर रचा है। इसके अलावा, ऐसा कुछ नहीं जो महिलाएं न कर सके। हालांकि पुरुष ने समाज की शुरुआत से ही महिलाओं को कमतर आंका और उनकी शारीरिक क्षमता पर प्रश्न किया। .
– जेड हैमिस्टर अपनी साहसिक सोच से यह साबित करना चाहती हैं कि अगर लड़कियां अपना ध्यान इस बात से हटाएं कि वे कैसे दिखती हैं और इस पर ध्यान दें कि उनमें क्या करने की संभावनाएं मौजूद हैं तो यह संसार बेहतर होगा। .
– लड़कियों की परवरिश के शुरूआती वर्षों में ही अगर स्वतंत्र निर्णय लेने दिए जाएं, प्राथमिकताएं समझायीं जाएं तो उनके विचारों में सकारात्मक क्रांति विकसित *होती है। वे अपनी ताकतों को पहचान *पाती हैं। .
जेड के युवाओं को संदेश .
– दूसरों के लिए नहीं, खुद के लिए कार्य करें।.
– संभावित क्षमता के लिए पहला कदम बढ़ाएं। .
– अपनी योग्यता तक दूसरों द्वारा उठे प्रश्नों को चुनौती की तरह स्वीकारें। .
– स्वयं को प्रोत्साहित करें। .
– हमारे मन और शरीर में अद्वितीय क्षमताएं हैं।.
– लड़कियां एक-दूसरे की जीत के सहारे और जश्न मनाएं। .
किसी भी तरह का भेदभाव या तुलना मस्तिष्क में उत्पन्न होती है और फिर वही अगली पीढ़ियों का सामाजिक माध्यम से विरासत में मिल जाती है।