नई दिल्ली:चुनाव में कालेधन के इस्तेमाल और उस पर आयकर विभाग की छापेमारी को लेकर चुनाव आयोग और वित्त मंत्रालय के बीच तनातनी हो गई है। वहीं चुनाव आयोग की तरफ से 7 अप्रैल को भेजे गए पत्र में चुनाव में अवैध धन के इस्तेमाल के खिलाफ कार्रवाई की पैरवी तो की गई है, लेकिन राजस्व विभाग के तहत आने वाली एजेंसियों को यह भी सलाह दी गई है कि कार्रवाई पूरी तरह से तटस्थ, पक्षपात रहित और भेदभाव रहित होनी चाहिए। आयोग ने यह भी कहा कि यदि इस बात की पक्की जानकारी हो कि अवैध धन का इस्तेमाल चुनाव में हो रहा है तो इसकी जानकारी मुख्य चुनाव अधिकारी को भी दी जाए। यह व्यवस्था तब तक जारी रहे जब तक आदर्श आचार संहिता लागू है।
चुनाव आयोग ने राजस्व सचिव को पत्र लिखकर कहा था कि चुनाव में अवैध धन के रोकथाम के लिए निष्पक्ष और भेदभाव रहित कार्रवाई होनी चाहिए। इसके जवाब में राजस्व विभाग ने कहा कि उन्हें यह पता है। जब भी किसी के खिलाफ कोई सूचना मिलेगी कार्रवाई की जाएगी। चुनाव आयोग ने मंगलवार को राजस्व विभाग के तहत आने वाली सभी जांच एजेंसियों को निर्देश दिया है कि चुनाव प्रक्रिया को दूषित करने के लिए कालेधन और अन्य अवैध तरीकों का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
आठ अप्रैल को राजस्व विभाग ने चुनाव आयोग को जवाब भेजा है। पत्र से साफ जाहिर है कि राजस्व विभाग को चुनाव आयोग की सलाह सही नहीं लगी। विभाग ने कहा कि उसे तटस्थ, पक्षपात रहित और भेदभाव रहित शब्दों अर्थ पहले से पता है और इन्हें ध्यान में रखकर ही कार्रवाई की जाती है। जब भी कोई सूचना मिलती है तो तुरंत कार्रवाई की जाती है। यह नहीं देखा जाता है कि वह किस दल के साथ संबद्ध है। विभाग इसे आगे भी जारी रखेगा।
आयोग अपने अधिकारियों को आदेश दे
राजस्व विभाग ने चुनाव आयोग को सलाह दी है कि वह आदर्श आचार संहिता के क्रियान्वयन के लिए फील्ड में तैनात अपने अधिकारियों को निर्देश दे कि चुनाव में अवैध धन के इस्तेमाल को रोकने के लिए भी कार्य करें। यदि उनके पास कोई विशिष्ट सूचना है तो वे इसकी सूचना राजस्व विभाग को भी दे सकते हैं ताकि विभाग उस पर कार्रवाई करे।
राजस्व सचिव, सीबीडीटी अध्यक्ष चुनाव आयोग से मिले
इस सिलसिले में राजस्व सचिव एबी पांडे और सीबीडीटी के अध्यक्ष पीसी मोदी ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्त अशोक लवासा, सुशील चंद्रा से मुलाकात कर छापेमारी की कार्रवाई के बारे में जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार, दोनों अधिकारियों ने बताया कि चुनाव में कालेधन के इस्तेमाल संबंधी खुफिया सूचनाओं के आधार पर यह कार्रवाई की गयी। यह आगे भी जारी रहेगी।
छापेमारी जारी, 281 करोड़ के लेन-देन का ब्योरा मिला
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयकर विभाग की कार्रवाई मंगलवार को तीसरे दिन भी जारी है। भोपाल में प्लेटिनम प्लाजा में गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के संचालक अश्विनी शर्मा और उसके करीबी प्रतीक जोशी के आवास व कार्यालयों में आयकर की टीमें अपना अभियान जारी रखे हुए हैं। वहीं, मुख्यमंत्री कमलनाथ के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) प्रवीण कक्कड़ से मंगलवार की देर रात तक पूछताछ जारी रही। आयकर विभाग ने छापों में जहां 14 करोड़ रुपये से ज्यादा की नगदी बरामद की है, वहीं उन्हें 281 करोड़ रुपये के लेन-देन का ब्योरा भी मिला है।
आयकर छापों को अदालत में चुनौती
इंदौर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ और उनके पुत्र पर पड़े आयकर छापो को चुनौती देती याचिका की मंगलवार को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए इस याचिका की आगामी सुनवाई 11 अप्रैल को मुकर्रर की है। उच्च न्यायालय की युगल पीठ के न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विवेक रूसिया ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और याची की ओर से उपस्थित अधिवक्ताओं के तर्क सुनने के बाद याचिका की आगामी सुनवाई दो दिनों बाद करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता प्रवीण कक्क्ड़ और उनके पुत्र सलिल कक्कड़ ने आयकर विभाग की कार्रवाई पर कई प्रश्न खड़े करते हुए चुनौती दी है। याचिका में अध्यक्ष-सीबीडीटी, सचिव-वित्त मंत्रालय भारत सरकार, मुख्य निवार्चन आयुक्त-भारत निवार्चन आयोग, निदेशक-आयकर विभाग, सचिव-गृह विभाग मध्यप्रदेश शासन और पुलिस महानिदेशक-मध्यप्रदेश पुलिस को प्रतिवादी बनाया है।
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