जलगांव। शीतकाल मे पचरंगी तप का यह अनुष्ठान करके जलगांववासियो ने सुंदर भेंट सजाई है। मासखमण तपाभिनंदन के अवसर पर तेरापंथ समाज को एक आवाहन किया कि पचरंगी तप करना है। हमारे आवाहन को अधिमान देकर 29 भाई बहनों ने तपक्रम का अनुष्ठान किया है ये उद्गार आचार्य महाश्रमण जी की विदुषी सुशिष्या साध्वी निर्वाणश्रीजी ने पचरंगी तप अभिनंदन के अवसर पर व्यक्त किए।
साध्वीश्री ने कहा कि भगवान महावीर ने कहा है कि तप से निर्जरा होती है,निर्जरा के दो भेद है सकाम ओर अकाम। जलगांव वासियों ने अपनी क्षमता से निर्जरा का नमूना पेश किया है। 29 भाई बहनों को तप का प्रत्याख्यान करवाया। साध्वी डॉ. योगक्षेमप्रभाजी ने अपने प्रेरक वक्तव्य में कहा कि पचरंगी तप तो झांकी है ग्यारहरंगी तप के लिए अपना खाता अभी से खोलना है।आचार्य श्री महाप्रज्ञ शताब्दी वर्ष का यह चातुर्मास अनेकानेक उपलब्धियों से भरा रहे इसके लिए जलगांव वासियों को तत्परता से आगे आना है सभी पचरंगी तप करने वालों के प्रति तप अनुमोदना।
इस अवसर पर तेरापंथ सभा के अध्यक्ष माणकचंदजी बॆद, तेयुप अध्यक्ष जितेंद्र जी चौरड़िया, टीपीएफ की अध्यक्षा वर्षा चौरड़िया,तेरापंथ महिला मंडल की मंत्री निर्मला छाजेड,खानदेश तेरापंथ सभा के अध्यक्ष अनिल जी सांखला,तेरापंथ महिला मंडल का गीत,सुनीता समदरिया, शुभकरणजी बॆद,दुलीचंदजी श्यामसुखा,अभातेयुप समिति सदस्य राजेश धाडेवा,भुसावल किशोर मंडल के संयोजक यश कोठारी ने अपने भाव प्रस्तुत किए।
साध्वी लावण्यप्रभाजी, कुंदनयशाजी, मुदितप्रभा जी व मधुरप्रभाजी ने तपगीत का संगान किया। इस अवसर पर तेरापंथ महासभा द्वारा आयोजित ज्ञानशाला प्रशिक्षक प्रशिक्षण परीक्षा के विज्ञ कक्षा के छह उत्तीर्ण शिक्षिकाओं को प्रमाण पत्र व उपहार देकर सत्कार किया गया ।तेरापंथ सभा के अंतर्गत ज्ञानशाला के शिक्षिकाओ को अभिनंदन पत्र वितरण किए गए। श्रीडूंगरगढ से समागत सुश्रावक श्री दुलीचंदजी श्यामसुखा का धर्मसंघ का साहित्य देकर स्वागत किया गया। मंच संचालन तेरापंथ सभा के मंत्री नोरतमल चौरड़िया ने किया। यह जानकारी श्री चोरड़िया ने दी है।
पचरंगी तप से जलगांव में धर्म आराधना की बहार, 29 भाई बहनों ने किया तपक्रम का अनुष्ठान
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