बस्ती (उत्तर प्रदेश)। जनपद के कोतवाली थाना क्षेत्र के दुधौरा गांव में एक घटना घटित हो गई जिसमें दुधौरा के निवासी छोटू ने बताया कि वह मिठाई बनाने एवं बर्तन व छल्ला बनाने का काम करता है मनीष शुक्ला द्वारा 48000 रू में काम करने का ठेका दिया गया था, पीड़ित ने 300 ट्रे और 200 छल्ला तैयार करके दे दिया, मनीष शुक्ला द्वारा केवल 23 ,000 दिए गए बाकी पैसा मांगने पर मनीष शुक्ला ने छोटू को जमकर मारा पीटा गलियों की बौछार कर दी और जान से मारने की धमकी दी डायल 112 पर सूचना देने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की मामला कोतवाली थाने पर पहुंचा तो कोतवाल ने मुकदमा दर्ज करने के बजाय पीड़ित को ही थाने से भगा दिया, छोटू थक हार कर पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई, पीड़ित की माने तो न्याय करने के बजाय जातीय पक्षपात करने पर उतारू है कोतवाल। आपको बताते चले कि दलित उत्पीड़न के मामले में उत्तर प्रदेश नंबर एक पर है एनसीआरबी 2016 के आंकड़े बताते हैं कि हर घंटे पांच दलित दलितों का उत्पीड़न हो रहा है लेकिन यहां आंकड़े 2016 के हैं 2024 के आंकड़े देखे जाएं तो इससे भी भयावह स्थिति होगी और वह भी उत्तर प्रदेश की जो दलित उत्पीड़न के मामले में नंबर एक है उत्तर प्रदेश में दलित होना किसी पाप से कम नहीं, काम का पैसे मांगना उससे भी बड़ा पाप है एक दलित के लिए आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी दलितों की स्थिति जैसे के तैसे बनी हुई है