मुंबई। अखिल भारतीय अंतरविश्वविद्यालयीन फुटबाल प्रतियोगिता का उद्घाटन के.सी. महाविद्यालय में मंगलवार, 11 दिसंबर को मुंबई विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुहास पेडणेकर के हाथों हुआ। मुंबई विश्वविद्यालय के तत्वावधान में के.सी. कालेज द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए प्रो. सुहास पेडणेकर ने कहा कि खेल जीवन का अभिन्न अंग है और समय की मांग है कि खेल केवल मैदानों तक सीमित न रहे अपितु पाठ्यक्रम का हिस्सा बने। खेल एक मंच मुहैया कराते हैं, एक दूसरे से मिलने का अवसर उपलब्ध कराते हैं। प्रतियोगिताओं के दौरान केवल मैच ही नहीं होते अपितु अलग-अलग संस्कृतियों का मिलन भी होता है। देश के अलग-अलग क्षेत्रों से आए खिलाड़ी एक-दूसरे के करीब आते हैं और एक दूसरे को एवं उनकी संस्कृति को जानते-समझते हैं। खेलों से नेतृत्व क्षमता और समूह में काम करने की योग्यता विकसित होती है। बात फुटबाल की करें तो, फुटबाल बिलकुल जीवन की तरह है। फुटबाल हमें सिखाता है कि हम कैसे बाधाओं से सीखें, डर को रोके और सुअवसर मिलते ही उसका पूरा लाभ उठाएं। मुंबई विश्वविद्यालय के 161 वर्ष के इतिहास में पहली बार अखिल भारतीय अंतरविश्वविद्यालयीन फुटबाल प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस बात कि हमें बेहद खुश है कि के.सी. कॉलेज इस जिम्मेदारी को बेहद ही शानदार तरीके से निभा रहा है। ऐसे आयोजनों को करना इतना आसान नहीं है। यहां पर मैं विशेष रूप से धन्यवाद करना चाहूंगा एचएनसी बोर्ड को जिसका भरपूर सहयोग हमें मिल रहा है और जिसका सहयोग मुंबई विश्वविद्यालय को हमेशा मिलता रहता है। हमें विश्वास है कि यह प्रतियोगिता ऐतिहासिक और यादगार होगी।
एचएसएनसी बोर्ड के प्रेसिडेंट अनिल हरीश ने कहा कि फुटबाल एक ऐसा खेल है, जिसे हर कोई खेलता है और जो हर जगह आसानी से खेला जा सकता है। भारत में फुटबाल का बहुत ही पुराना इतिहास रहा है। डूरंड कप की शुरुआत सन 1988 में हुई, जो अभी भी अपनी साख को बनाए हुए है। मैं खिलाड़ियों को यह संदेश देना चाहूंगा कि आप मैदान में भले ही एक दूसरे के खिलाफ खेलें, लेकिन मैदान के बाहर एक दूसरे के दोस्त बने रहें। इसी क्रम में निरंजन हीरानन्दानी, किशु मनसुखानी ने भी अपने विचार रखे। इससे पूर्व अपने स्वागत भाषण में के.सी. कॉलेज की प्राचार्य डॉ. हेमलता बागला ने कहा कि इस प्रतियोगिता का आयोजन करना हमारे लिए बड़े ही गर्व की बात है। इसके लिए हम मुंबई विश्वविद्यालय और आल इंडिया यूनीवर्सिटी एसोसिएशन के आभारी है, जो हमें इस आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई। हम आभारी है कुलपति प्रो. सुहास पेडणेकरजी के प्रति जो हमें निरन्तर प्रोत्साहित करते रहते हैं। साथ ही मैं धन्यवाद देना चाहूंगी योगिनी खरे और उत्तम केन्द्रे का जिनका सहयोग हमें निरन्तर मिल रहा है। साथ ही हम विशष रूप से आभारी अपने एचएनसी बोर्ड एवं पदाधिकारियों के प्रति जिनके सहयोग एवं मार्गदर्शन के बिना यह आयोजन संभव ही नहीं था। साथ ही हमारे कॉलेज के उपप्राचार्य स्मरजीत पाधी, डॉ. शालिनी सिन्हा, महक ग्वालानी एवं खेल शिक्षक देवकुमार चटर्जी की भूमिका बेहद प्रशंसनीय है, जो प्रतियोगिता को सफल बनाने के लिए अहर्निश प्रयासरत हैं। मैं सभी खिलाड़ियों से कहना चाहूंगी कि जीतना महत्वपूर्ण है, लेकिन उससे कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है भाग लेना। अत: आप सभी सकारात्मक ऊर्जा के साथ मैच खेलें एवं सुनहरी यादों एवं स्वर्णिम उपलब्ध्यिों के साथ मुंबई से लौटें। यह प्रतियोगिता आपके भविष्य के लिए एक अहम पड़ाव साबित हो ऐसी मेरी शुभकामना है। इस अवसर पर इंटरनेशनल एथलेटिक्स फेडरेशन के काऊंसिल सदस्य तथा पूर्व ओलंपियन अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित आदिल जे. सुमरिवाला, भारतीय फुटबाल मुंबई विवि. खेल निदेशक उत्तम केन्द्रे की विशेष उपस्थिति रही। उल्लेखनीय है कि दो चरणों में आयोजित इस प्रतियोगिता में देश के 81 विश्वविद्यालयों के 1100 खिलाड़ियों सहित 1200 से अधिक सदस्य भाग ले रहे हैं। प्रतियोगिता का प्रथम चरण में 11 दिसम्बर से 21 दिसंबर 2018 तक अखिल भारतीय अंतरविश्वविद्यालयीन फुटबाल (पश्चिम जोन) के तथा दूसरे चरण 22 दिसम्बर से 28 दिसम्बर 2018 के दौरान अखिल भारतीय अंतरविश्वविद्यालयीन फुटबाल मैच होंगे। प्रतियोगिता के अंतर्गत कुल 104 मैच होंगे। ये मैच मरीन लाइंस स्थित यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स पवेलियन सहित मुंबई, नवी मुंबई के मैदानों में खेले जाएंगे।
मुंबई वि.वि. में खुलेगा खेल प्रबंधन विभाग
कुलपति प्रो. सुहास पेडणेकर ने बताया कि विश्वविद्यालय खेल प्रबंधन-विभाग खोलने पर काफी गंभीरता से विचार कर रहा है। वैसे तो विश्वविद्यालय में खेल एवं शारीरिक शिक्षा का विभाग लेकिन हम इस दिशा में और आगे की सोच रहे हैं। यदि ओलम्पिक आदि पर नजर डालें तो हम देखते हैं कि अन्य देशों के अधिकांश खिलाडी विश्विद्यालयों से रहते हैं, लेकिन भारत में ऐसी संख्या काफी कम है। जिसको देखते हुए हम राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में विश्विद्यालय के खिलाडियों की संख्या बढ़े इस बात को लेकर हम काफी गंभीर है। इसी बिंदु को ध्यान में रखते हुए खेल प्रबंधन-विभाग खोलने की दिशा में प्रयास जारी है। क्यूंकि खेलों को रोजगारोन्मुख बनाना अथवा ऐसा मंच तैयार करना बेहद जरूरी है कि युवा खेलों को कॅरिअर के रूप में देखें और इसे अपनाएं।
अगले वर्ष अंतरविश्वविद्यालयीन एथेलिटिक चैम्पियनशिप
प्राचार्य डॉ. हेमलता बागला ने अपने अिभभाषण के दौरान कहा कि हमारी इच्छा है कि में हमें अंतरविश्वविद्यालयीन एथेलिटिक चैम्पियनशिप आयोजित करने का अवसर मिलें। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कुलपति प्रो. पेडणेकर ने कहा कि मुंबई विश्वविद्यालय की मुख्य ताकत सम्बद्ध कॉलेज हैं। के. सी. कॉलेज इस फुटबाल प्रतियोगिता का आयोजन बड़े ही व्यवस्थित ढंग से कर रहा है और पूर्व में भी इस प्रकार की प्रतियोगिताओं का बड़े ही सफल ढंग से एवं ऐतिहासिक ढंग से आयोजन किया है। ऐसा मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि इस दिशा में गंभीरता से विचार कर रहा हूँ और हमारी कोशिश रहेगी कि वर्ष 2019 का अंतरविश्वविद्यालयीन एथेलिटिक चैम्पियनशिप मुंबई विश्वविद्यालय के तत्वावधान में हो।