वाशिंगटन: विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशकों के बोर्ड ने बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए पाकिस्तान को 19.5 करोड़ डालर (1,482 करोड़ रुपये) का कर्ज देने का फैसला किया है। विश्व बैंक की तरफ से शनिवार को जारी एक बयान के मुताबकि, ‘विद्युत वितरण क्षमता वृद्धि परियोजना (ईडीईआइपी) वितरण कंपनियों को बिजली आपूर्ति प्रबंधन व इलेक्ट्रिक ग्रिड की विश्वसनीयता बढ़ाने में मदद करेगी। यह राजस्व बढ़ाने, लागत व घाटा कम करने तथा प्रौद्योगिकी व सूचना प्रणाली के अनुपालन के माध्यम से परिचालन तंत्र को आधुनिक बनाने पर केंद्रित है।
परियोजना के अंतर्गत जलवायु के अनुरूप बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भी निवेश किया जाएगा, खासकर ग्रिड स्टेशन व ट्रांसमिशन लाइन में जो वितरण व उपभोक्ता सेवाओं की लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।’
विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर (पाकिस्तान) नाजी बेन्हासिन ने कहा, ‘ऊर्जा क्षेत्र की वित्तीय स्थिति कितने लंबे समय तक मजबूत रहती है, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि उपभोक्ताओं तक बिजली पहुंचने वाली कंपनियों की क्षमता में कितना इजाफा हुआ है। यह प्रयास वितरण कंपनियों के परिचालन व वित्तीय प्रदर्शन को बेहतर करेगा। इससे निजी साझेदारी को भी बढ़ावा मिलेगा।’
इससे पहले आर्थिक तंगहाली का सामना कर रहे पाकिस्तान ने सऊदी अरब से वित्तीय मदद मांगी थी। प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसके लिए रियाद का दौरा किया था और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ बातचीत की थी। इमरान खान की गुहार पर सऊदी अरब ने पाकिस्तान को तीन बिलियन अमेरिकी डालर की आर्थिक मदद दी थी।
सनद रहे कर्ज लेकर व्यवस्था चलाने के फामूर्ले पर काम कर रहे इमरान खान को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से अक्टूबर महीने में तब करारा झटका लगा था जब आइएमएफ (International Monetary Fund) ने पाकिस्तान को एक अरब डालर का कर्ज देने से इनकार कर दिया था। पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund, IMF) से एक अरब डालर के कर्ज देने की गुहार लगाई थी। आईएमएफ और इमरान खान की सरकार के बीच चार से 15 अक्टूबर के बीच हुई सभी वार्ताएं विफल रहीं।